लाखों की ठगी, फर्जी कंपनी का संचालक गिरफ्तार
पैसा दुगना करने के नाम पर आरोपियों का लाखों रूपए लेकर फरार हुए जीएन गोल्ड कंपनी के संचालक को गिरफ्तार करने में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है

बिलासपुर। पैसा दुगना करने के नाम पर आरोपियों का लाखों रूपए लेकर फरार हुए जीएन गोल्ड कंपनी के संचालक को गिरफ्तार करने में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है।
आरोपी विगत 6 वर्षों से फरार था, जिसकी तलाश में पुलिस की टीम लगी हुई थी। बताया जाता है कि पुलिस के आला अधिकारियों को पता चला था कि आरोपी जी एन गोल्ड कंपनी का संचालक धोखधड़ी के मामले में मध्यप्रदेश के देवास जिले की जेल में बंद है उसके बाद पुलिस अधीक्षक मयंक श्रीवास्तव ने एक टीम भेजकर आरोपी को लाने के लिए भेजा। टीम देवास जेल से प्रोटक्सन वारंट पर आरोपी को लेकर आज शहर पहुंची। पुलिस आरोपी संचालक से पूछताछ करने में लगी हुई है।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ग्रामीण श्रीमती अर्चना झा ने बताया कि कोटा थाना क्षेत्र के करगीकला में रहने वाला 29 वर्षीय प्रार्थी लक्ष्मीकांत साहू पिता तुलसीराम ने कोटा थाना पहुंचकर रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि जीएन गोल्ड कंपनी के कर्मचारी बैंक और पोस्ट आफिस से अधिक ब्याज दिलाने एवं रकम दुगनी का झांसा देकर ग्रामीणों से रकम जमा कराया है। दुगनी रकम जब वापस लेने ग्रामीणों को रूपए मांगने पर उन्हें गुमराह किया जा रहा है। इसी तरह करीब 6 थानों में जीएन गोल्ड कंपनी के खिलाफ कई लोगों ने धोखाधड़ी का अपराध दर्ज कराया। इसी बीच कंपनी का संचालक कंपनी को बंदकर फरार हो गया।
ग्रामीण ए.एस.पी.श्रीमती अर्चना झा ने बताया कि कोटा पुलिस ने कंपनी के एजेंट दिलहरण यादव को करगीकला से पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। पूछताछ पर आरोपी एजेंट ने जीएन गोल्ड कंपनी के संचालक का नाम सतनाम सिंह रंधावा उर्फ पिता बलवंत सिंह, निवासी दिल्ली थाना सोनकछ बताया था। इस मामले की पूरी जानकारी पुलिस अधीक्षक मयंक श्रीवास्तव को दी गई थी।
इस बीच एसपी को पता चला कि फरार जीएन गोल्ड कंपनी का संचालक सतनाम सिंह मध्यप्रदेश के देवास जिले के जेल में बंद है। उसके बाद उन्होंने एक टीम बनाकर देवास भेजा जहां से पुलिस की टीम आरोपी संचालक को लेकर शहर पहुंची। आरोपी से कोटा पुलिस आगे की पूछताछ करने में लगी हुई है।
कई स्थानों पर की थी ठगी
जीएन गोल्ड कंपनी द्वारा कोटा के अलावा तखतपुर, रतनपुर, मस्तूरी, तोरवा और सरकंडा क्षेत्र से लोगों को रकम दोगुनी करने के नाम पर लाखों की ठगी की गई है। सभी थानों में कंपनी के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज है। आरोपी संचालक विगत 6 वर्षों से फरार था। गिरफ्तार आरोप से पुलिस की टीम पूछताछ करने में लगी हुई है।


