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आंगनबाड़ी में सभी बच्चों को दूध उपलब्ध हो : संभागायुक्त

संभागीय आयुक्त  बी एम शर्मा ने कहा है कि शतप्रतिशत आंगनबाडी केन्द्रों में बच्चों को दूध उपलब्ध कराया जाए

आंगनबाड़ी में सभी बच्चों को दूध उपलब्ध हो : संभागायुक्त
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ग्वालियर। संभागीय आयुक्त बी एम शर्मा ने कहा है कि शतप्रतिशत आंगनबाडी केन्द्रों में बच्चों को दूध उपलब्ध कराया जाए। दूध संघ के माध्यम से संभाग के सभी जिलों में शतप्रतिशत आंगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चों को दूध उपलब्ध हो, यह सुनिश्चित किया जाए। संभागीय आयुक्त श्री बी एम शर्मा ने सोमवार को मोतीमहल के मानसभागार में विभागीय समन्वय समिति की बैठक में संयुक्त संचालक महिला एवं बाल विकास विभाग श्री एच के शर्मा को उक्त निर्देश दिए हैं।

विभागीय समन्वय समिति की बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री नीरज कुमार सिंह, संयुक्त आयुक्त श्री बी एल जाटव, उपायुक्त श्री विनोद भार्गव सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे। संभागीय आयुक्त श्री बी एम शर्मा ने कहा कि बच्चों के कुपोषण निवारण के लिये बच्चों को दूध उपलब्ध हो, यह सुनिश्चित किया जाए। महिला बाल विकास विभाग के अधिकारी मैदानी स्तर पर निरंतर मॉनीटरिंग कर दूध की नियमितता का परीक्षण करें और की गई कार्रवाई से भी विभागीय अधिकारी अवगत करायें। उन्होंने कहा कि जिला कलेक्टरों को भी इस संबंध में निरंतर मॉनीटरिंग के निर्देश दिए गए हैं। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री नीरज कुमार सिंह को भी उन्होंने कहा कि मैदानी स्तर पर अधिकारियों को निर्देशित करें कि आंगनबाड़ी केन्द्रों की नियमित मॉनीटरिंग की जाए और दर्ज सभी बच्चों को शासन की सभी योजनाओं का समय पर लाभ मिले।

संभागीय आयुक्त श्री बी एम शर्मा ने विभागीय योजनाओं की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को निर्देशित किया कि जिन योजनाओं में उल्लेखनीय कार्य हुआ है, उनका प्रचार-प्रसार भी किया जाए, जिससे अन्य लोग भी इन योजनाओं का लाभ उठा सकें। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को यह भी निर्देशित किया कि जिले में जिस किसी भी क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया गया है, उसकी जानकारी जनसंपर्क विभाग को अनिवार्यत: उपलब्ध कराएँ, ताकि जनहित में उसका व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित हो सके। स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा के दौरान अनुकम्पा नियुक्ति प्रकरण में संवेदनशीलता का परिचय दिया जाए। लापरवाही पाए जाने पर संबंधित अधिकारी-कर्मचारी के विरूद्ध दण्डात्मक कार्रवाई भी प्रस्तावित की जाए। शिकायतों के निराकरण में किए जाने वाले पत्र व्यवहार की प्रतिलिपि संबंधित शिकायतकर्ता को भी उपलब्ध कराई जाए, ताकि शिकायतकर्ता को मालूम हो सके कि उसके प्रकरण में क्या कार्रवाई की जा रही है।


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