गणतंत्र दिवस के दिन सैन्य ताकत की झलक दिखाई देगी
अड़सठवें गणतंत्र दिवस के दिन गुरुवार को राजपथ पर देश की दिनों-दिन बढ़ती सैन्य ताकत, प्रौद्योगिकी और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के साथ-साथ विकास यात्रा की झलक दिखाई देगी।

नयी दिल्ली। अड़सठवें गणतंत्र दिवस के दिन गुरुवार को राजपथ पर देश की दिनों-दिन बढ़ती सैन्य ताकत, प्रौद्योगिकी और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के साथ-साथ विकास यात्रा की झलक दिखाई देगी। चाक-चौबंद सुरक्षा के बीच गणतंत्र दिवस पर मुख्य समारोह विजय चौक और इंडिया गेट को जोडने वाले राजपथ पर होगा जिस पर लगभग डेढ़ घंटे तक तीनों सेनाओं की ताकत के नमूने के साथ राष्ट्र की सांस्कृतिक विविधता और ऐतिहासिक धरोहरों का झरोखा देखने को मिलेगा।
विजय चौक से शुरू होने वाली परेड का लगभग आठ किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद लाल किले पर समापन होगा। आजाद भारत का संविधान लागू होने के उपलक्ष्य में मनाये जाने वाले इस पर्व में आबूधाबी के युवराज एवं संयुक्त अरब अमीरात की सशस्त्र सेनाओं के डिप्टी सुप्रीम कमांडर मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान इस बार मुख्य अतिथि होंगे। संयुक्त अरब अमीरात का एक सैन्य दस्ता भी परेड में शामिल होगा।
यह पहला मौका होगा जब अरबी सैनिक भारतीय सैन्य शक्ति के साथ राजपथ पर कदमताल करते नजर आयेंगे। समारोह की शुरुआत इंडिया गेट स्थित अमर जवान ज्योति पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पुष्पांजलि अर्पित करने के साथ होगी। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर भी तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ शहीदों को अपनी श्रद्धांजलि देंगे। इसके बाद प्रधानमंत्री सलामी मंच पर आकर तीनों सेनाओं के सर्वोच्च कमांडर और राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी की अगवानी करेंगे। राष्ट्रपति मुख्य अतिथि के साथ समारोह स्थल पर पहुँचेगे। उनके सम्मान में 21 तोपों की सलामी के साथ ही परेड की शुरुआत होगी।
परेड में कुल 23 झाकियाँ शामिल होंगी जिनमें 17 विभिन्न राज्यों की, दो केंद्र शासित प्रदेशों की और बाकी मंत्रालयों तथा सरकार की विभिन्न योजनाओं पर आधारित होंगी। इन झाँकियों में देश के विभिन्न हिस्सों की संस्कृति विविधता, लोक कला और परंपराओं की छटा दिखाई देगी।


