केजरीवाल की सराहना को लेकर मिलिंद देवड़ा की आलोचना
मुंबई कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष मिलिंद देवड़ा को अरविंद केजरीवाल की सराहना करने के लिए अपने पार्टी सहयोगियों की आलोचना का सामना करना पड़ा है।

नई दिल्ली | मुंबई कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष मिलिंद देवड़ा को अरविंद केजरीवाल की सराहना करने के लिए अपने पार्टी सहयोगियों की आलोचना का सामना करना पड़ा है। देवड़ा ने कहा था कि दिल्ली के मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय राजधानी के राजस्व को दोगुना कर दिया है। मिलिंद देवड़ा ने ट्विटर पर लिखा, "स्वागत योग्य तथ्य साझा कर रहा हूं, जिसे कम लोग जानते हैं। अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार ने राज्य के राजस्व को दोगुना बढ़ाकर 60,000 करोड़ रुपये कर दिया है और पिछले पांच वर्षों में अतिरिक्त राजस्व को बनाए रखा। सोचने का विषय है : दिल्ली अब देश के सबसे ज्यादा राज्य कर मितव्ययी सरकारों में से है।"
Sharing a lesser known & welcome fact — the @ArvindKejriwal-led Delhi Government doubled its revenues to ₹60,000 crore & maintained a revenue surplus over the last 5 years.
— Milind Deora मिलिंद देवरा (@milinddeora) February 16, 2020
Food for thought: Delhi is now one of India’s most fiscally prudent governments pic.twitter.com/bBFjbfYhoC
इस पर पहली प्रतिक्रिया अजय माकन की ओर से आई, जिन्होंने देवड़ा को जवाब देते हुए लिखा, "भाई, आप कांग्रेस को छोड़ना चाहते हैं तो जाइए। उसके बाद आधे-अधूरे तथ्य प्रसारित कीजिए।"
अजय माकन ने फिर 1997-98 के राजस्व आय व उसके बाद की तुलना की। कांग्रेस के 2013-14 अनुमानित बजट (राजस्व) 37,459 करोड़ रुपये, जो 14.87 फीसदी बढ़ा। उन्होंने कहा कि यह 2019-20 में कम होकर 60,000 करोड़ रुपये रहा, इसमें सिर्फ 9.90 फीसदी की वृद्धि हुई।
Brother,you want to leave @INCIndia-Please do-Then propagate half baked facts!
— अजय माकन (@ajaymaken) February 16, 2020
However,let me share even lesser know facts-
1997-98-BE (Revenue) 4,073cr
2013-14-BE (Revenue) 37,459cr
During Congress Govt Grew at 14.87% CAGR
2015-16 BE 41,129
2019-20 BE 60,000
AAP Gov 9.90% CAGR
सिर्फ माकन ने ही नहीं, चांदनी चौक की पूर्व विधायक अलका लांबा ने भी राहुल गांधी के करीबी माने जाने वाले देवड़ा पर हमला किया।
उन्होंने कहा, "पिता के नाम पर कांग्रेस में शामिल हुए, राजनीतिक वंश होने की वजह से टिकट मिला और पार्टी का नेतृत्व करते हुए चुनाव हार गए। लेकिन जब पार्टी के लिए लड़ने का समय हो, तो गिटार बजाएं।"
लांबा ने यह स्पष्ट तौर पर देवड़ा के लिए कहा।


