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मध्यान्ह भोजन कर्मचारी संघ का दो दिवसीय आंदोलन 18 से

छ.ग. मध्यान्ह भोजन मजदूर एकता यूनियन सीटू के आवाहन पर रायपुर में 18 एवं 19 अप्रैल को दो दिवसीय महापड़ाव आंदोलन करने जा रही है...

मध्यान्ह भोजन कर्मचारी संघ का दो दिवसीय आंदोलन 18 से
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रायपुर। छ.ग. मध्यान्ह भोजन मजदूर एकता यूनियन सीटू के आवाहन पर रायपुर में 18 एवं 19 अप्रैल को दो दिवसीय महापड़ाव आंदोलन करने जा रही है। उन्होंने छत्तीसगढ़ सरकार पर सर्वोच्चय न्यायालय के समान काम के लिए समान मजदूरी के निर्णय की अवहेलना का आरोप लगाया है। वहीं सरकार उच्च न्यायालय बिलासपुर के निर्देश से बचने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग के आदेश से बचने की कोशिश कर रही है और कार्यदिवस 1.30 घंटे कर मजदूरी बढ़ाने से बचने की कोशिश कर रही है जो कि सरासर गलत है।

छत्तीसगढ़ मध्यान्ह भोजन मजदूर एकता यूनियन (सीटू) के महासचिव समीर कुरैशी ने पत्रवार्ता में बताया कि देशभर में मध्यान्ह भोजन स्कूली बच्चों के लिए चलाई जा रही एक प्रतिष्ठित योजना है जो कक्षाओं में आने वाले प्राथमिक एवं पूर्व माध्यमिक बच्चों की भूख और स्कूल छोड़कर बैठने की समस्या से संबंधित है।

ऐसे कामों में लगे मध्यान्ह भोजन कर्मचारियों को एक मजदूर की मान्यता तक नहीं दी जा रही है तथा न्यूनतम वेतन भी नहीं दिया जा रहा है। जो प्रतिदिन 6 घंटे काम करते हैं इन्हें मात्र 1 हजार रुपए प्रतिमाह मानदेय दिया जा रहा है एवं राज्य सरकार की ओर से मात्र 2 सौ रुपए दिया जा रहा है। इस महंगाई के दौर में केवल 12 सौ रुपए महीने मिल रहा है। 2013 में हुए भारतीय श्रम सम्मेलन के 45वें सत्र में केन्द्र व राज्य सरकार, नियोजकों, श्रम संगठनों के प्रतिनिधियों के बीच सर्वसम्मति से सिफारिश की गई थी कि मध्यान्ह भोजन कर्मियों को अन्य योजना कर्मियों के साथ न्यूनतम वेतन देने कहा गया था।


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