मिक्की-बेला ने बिखेरी संगीत लहरी
मिठास से लबरेज मैथिली गानों, तरानों और सुर लहरियों के बीच मिथिला महोत्सव के तीसरे संस्करण का यहां कल देर रात सफल आयोजन किया गया

नई दिल्ली। मिठास से लबरेज मैथिली गानों, तरानों और सुर लहरियों के बीच मिथिला महोत्सव के तीसरे संस्करण का यहां कल देर रात सफल आयोजन किया गया।
मैथिली भोजपुरी अकादमी के सहयोग से मैथिल पत्रकार समूह द्वारा प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में आयोजित मिथिला महोत्सव-तृतीय की शुरुआत भारतीय जनता पार्टी उपाध्यक्ष प्रभात झा, विधायक संझीव झा, मैथिली भोजपुरी अकादमी के उपाध्यक्ष नीरज पाठक, भाजपा के राष्टï्रीय प्रवक्ता सुंधाशु त्रिवेदी आदि द्वारा दीप प्रज्जवलन से हुई। रात जैसे-जैसे गहरी होती गई, श्रोता देवानंद—निवेदिता एवं अन्य कलाकारों के गानों और तरानों पर झूमते और मैलोरंग के नाटक का लुत्फ उठाते नजर आए।
कार्यक्रम का संचालन 'एसिड वाली लड़की' पुस्तक की लेखिका और मिथिला की वरिष्ठ पत्रकार प्रतिभा ज्योति ने तथा निर्देशन नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (एनएसडी) के डा. प्रकाश झा ने किया। इस अवसर पर लोकसभा टीवी के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) राजीव मिश्रा, प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में कार्यरत भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के वरिष्ठ अधिकारी एस सी झा, कांग्रेस प्रवक्ता प्रणव झा, मैथिल पत्रकार समूह के महासचिव संतोष ठाकुर, प्रेस क्लब ऑफ इंडिया के अध्यक्ष गौतम लाहिरी, प्रेस एसोसिएशन के महासचिव सीके नायक भी मौजूद थे। भाजपा उपाध्यक्ष श्री झा ने मिथिला—मैथिली के लिए लोगों के समर्पण को सबसे मजबूत आधार करार देते हुए कहा कि उन्हें गर्व है कि वह मैथिल हैं।
पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुंधाशु त्रिवेदी ने कहा कि मिथिला में विकास की बयार बहना बाकी है। यह सीता की भूमि है। यहां हर कण में इतिहास, सम्मान, पर्यटन बिखरा है।
उन्होंने कहा कि वह अवध से हैं और सभी जानते हैं कि अवध और मिथिला हमेशा से एक रहे हैं। उन्होंने मिथिला की वर्तमान दशा पर एक मशहूर कविता भी सुनाई और कहा कि इसका वैभव आएगा तो देश का वैभव अपने आप बढ़ेगा। मैथिल पत्रकार समूह के महासचिव संतोष ठाकुर ने कहा कि मिथिला, मैथिली भाषा का विकास, उद्भव, वैभव बढ़ाने के लिए मैथिल पत्रकारों का यह संगठन लगातार काम करता रहेगा। यह तीसरा वर्ष है जब मिथिला महोत्सव का आयोजन हो रहा है।
संगठन के फिलहाल दो सौ से अधिक सदस्य देश—विदेश में हैं। कार्यक्रम के दौरान प्रकाश झा निर्देशित मैलोरंग के कलाकारों ने झझिया और अन्य मैथिली लोकनृत्य—नाटिका प्रस्तुत की। कार्यक्रम के दौरान संगठन के सदस्यों के बच्चों ने भी प्रस्तुति दी। इंडिया इस्लामिक सेंटर में गीत-संगीत के कार्यक्रम मेरी आवाज ही मेरी पहचान है का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में जाने माने गायक और संगीतकार मिक्की सिंह नरूला और गायिका बेला सुलाखे ने एकल व युगल गीत पेश किए। इस सांस्कृतिक कार्यक्रम की शुरूआत विकलांग बच्चों द्वारा गए फिल्मी गीत अभी न जाओ छोड़ कर और जो वादा किया निभाना पड़ेगा से हुआ।
इसके बाद मिक्की ने मंच पर अपनी दिलकश आवाज में गाये गीत दिलबर मेरे कब तक मुझे ऐसे ही तड़पाओगे पर श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर दिया। इसके बाद तुम पुकार लो, मैं तैनू समझावा की और रूप तेरा मस्ताना, प्यार मेरा दीवाना पर श्रोताओं की जबरदस्त तालियां बटोंरी। इसके अलावा मीकी नरूला ने सूफी मेलोडी भी गाकर श्रोताओं को सूफी संगीत के रंग में रंग दिया।
सभागार में बैठे श्रोताओं को प्रेम गीतों की गर्माहट पेश करने के लिए मिक्की व पार्श्व गायिका बेला सुलाखे ने 'आओगे जब तुम सजना, नाम गुम जाएगा आदि गीत पेश किए। कार्यक्रम का आयोजन हौसला चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर से किया गया था।


