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आठ जनवरी से शुरू होगा लखनऊ में मेट्रो का ट्रायल

एलएसआरसी नवाबों के शहर लखनऊ में दूसरे चरण का ट्रायल चौधरी चरण सिंह अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से मुंशीपुलिया तक अगले सप्ताह से शुरू करने की तैयारी में जुटा

आठ जनवरी से शुरू होगा लखनऊ में मेट्रो का ट्रायल
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लखनऊ। लखनऊ मेट्रो रेल कॉरपोरेशन(एलएसआरसी) नवाबों के शहर लखनऊ में दूसरे चरण का ट्रायल चौधरी चरण सिंह अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से मुंशीपुलिया तक अगले सप्ताह से शुरू करने की तैयारी में जुटा है।

एलएमआरसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार को यहां बताया कि शीघ्र ही लखनऊ में हवाई अड्डे से मुंशीपुलिया तक मेट्रो रेल दौड़ने लगेगी। उन्होंने बताया कि इस ट्रैक पर अगले सप्ताह से ट्रायल शुरू हो जायेगा।

चारबाग से मुंशीपुलिया तक का ट्रायल आठ जनवरी को किया जायेगा। दूसरा नौ जनवरी को ट्रांसपोर्ट नगर से चौधरी चरण सिंह अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे तक किया जाएगा। उन्होंने बताया कि लखनऊ मेट्रो परियोजना के पहले फेज का शेष ट्रैक का काम पूरा हो गया है।

उन्होंने कहा कि समय बचाने के लिए ट्रायल केवल एक ट्रेन के साथ किया जाएगा और बाद में आवश्यकता होने पर वे दो अलग-अलग ट्रेनों का प्रयोग किया जायेगा।

अधिकारी ने बताया कि ' हम ट्रेनों का परीक्षण नहीं कर रहे हैं क्योंकि वे पहले ही चालू हो चुकी हैं। ये परीक्षण केवल सिग्नलिंग तथा अन्य कार्यो का किया जा रहा है।' अगले महीने से रेड लाइन रूट का वाणिज्यिक परिचालन शुरू हो जाएगा।

यह पूछे जाने पर कि इन परीक्षणों के संचालन के लिए लखनऊ मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के सामने मुख्य चुनौतियाँ क्या होंगी, उन्होंने कहा कि सबसे पहले ट्रेनों की गति को विनियमित करना होगा। उन्होंने कहा ' अब यह देखना महत्वपूर्ण है कि क्या ट्रेन सही जगह पर रुकती है और उसका ठहराव की अवधि क्या है। रिकॉर्डिंग को ट्रैक से जोड़ा जायेगा। इसके लिये सॉफ्टवेयर को उसी के अनुसार अपडेट किया जा रहा है।”

उन्होंने कहा कि ट्रायल चार से पांच सप्ताह की अवधि के भीतर पूरा हो जाएगा। यह पूछे जाने पर कि क्या भूमिगत कॉरिडोर पर पहली बार परीक्षण करना अधिक चुनौतीपूर्ण होगा, अधिकारी ने कहा कि, ' इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि परीक्षण भूमिगत किए गए हैं या एलिवेटेड कॉरिडोर पर किए गए हैं।

यह ट्रैक से जुड़ा है और ट्रेनों को सही प्लेटफॉर्म पर रोकना पड़ता है। रेड लाइन में तीन भूमिगत समेत 23 स्टेशन हैं। यह पूरे शहर को दक्षिण से उत्तर की ओर कवर करता है।

गौरतलब है कि इससे पहले 28 दिसम्बर को चारबाग से गोमती नदी पुल होते हुए मेट्रो आइटी कॉलेज तक पहुंच गई थी। माना जा रहा है कि अगले 45 दिनों तक चरणबद्ध तरीके से मेट्रो ट्रायल के कई फेज से गुजरेगी।

उम्मीद है कि फरवरी के दूसरे सप्ताह में मेट्रो शहरवासियों को लेकर दौड़ेगी। ट्रायल के दौरान मेट्रो के दो सेट चारबाग मेट्रो से चले थे। एक सेट भूमिगत मेट्रो स्टेशन हुसैनगंज, सचिवालय और हजरतगंज होते हुए आइटी कॉलेज तक पहुंचा। तीन हजार बालू की बोरियों के साथ रैम्प पर लोड टेस्ट भी किया गया था। वापस में यह रैक गोमती नदी के स्पेशल स्पैन पर खड़ा किया गया।

जबकि दूसरा रैक भी तीनों भूमिगत स्टेशनों से गुजरते हुए गोमती नदी स्पैन पर खड़ा किया गया। यहां दोनों ही मेट्रो के रैक का 36 घंटे का लोड टेस्ट किया गया। हर घंटे पुल पर पडऩे वाले दबाव की जांच की गयी।


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