देश के 20 शहरों में पहुंच चुका है मेट्रो नेटवर्क : मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को यहां कहा कि देश के 20 से ज्यादा शहरों में मेट्रो नेटवर्क पहुंच चुका है

राजकोट। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को यहां कहा कि देश के 20 से ज्यादा शहरों में मेट्रो नेटवर्क पहुंच चुका है। मोदी ने राजकोट अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा का उद्घाटन करने के बाद यहां के रेसकोर्स में आयोजित जनसभा सभा को संबोधित करते हुए कहा कि आप याद कीजिए 2014 से पहले मध्यम वर्ग की एक बहुत आम शिकायत क्या होती थी। लोग कहते थे, कनेक्टिविटी कितनी खराब है, हमारा कितना समय आने-जाने में ही बर्बाद हो जाता है। लोग कहीं बाहर देश से आते थे। बाहर की फिल्मों को देखते थे।
टीवी पर दुनिया की अपनी नजर जाती थी तो उनके मन में सवाल उठते थे। सोचते थे कि हमारे देश में कब ऐसा होगा, कब ऐसी सड़कें बनेंगी, कब ऐसे हवाई अड्डे बनेंगे। स्कूल-दफ्तर आने-जाने में परेशानी, व्यापार-कारोबार करने में परेशानी। कनेक्टिविटी का देश में यही हाल था। हमने बीते नौ वर्षों में इस परेशानी को दूर करने का हर संभव प्रयास किया है।
उन्होंने कहा कि 2014 में सिर्फ चार शहरों में मेट्रो नेटवर्क था। आज देश के 20 से ज्यादा शहरों में मेट्रो नेटवर्क पहुंच चुका है। आज देश के 25 अलग-अलग रूट्स पर वंदे भारत जैसी आधुनिक ट्रेनें चल रही हैं। 2014 में देश में 70 के आसपास एयरपोर्ट हुआ करते थे। अब इनकी संख्या भी बढ़ करके डबल से भी ज्यादा पहुंच चुकी है। हवाई सेवा के विस्तार ने भारत के एयरलाइन सेक्टर को दुनिया में नई ऊंचाई दी है। आज भारत की कंपनियां, लाखों करोड़ रुपए के नए विमान खरीद रही हैं। कहीं पर एक साइकिल नई आ जाए, गाड़ी नई आ जाए, स्कूटर नया आ जाए तो चर्चा होती है।
प्रधानमंत्री ने कहा आज हिन्दुस्तान में एक हजार नए विमानों का ऑर्डर बुक है। संभावना है, आने वाले दिनों में दो हजार विमानों के ऑर्डर की। आपको याद है, मुझे तो याद है, गुजरात चुनाव के समय मैंने आपको कहा था। वो दिन दूर नहीं जब गुजरात हवाई जहाज भी बनायेगा। आज गुजरात इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।
श्री मोदी ने कहा कि इज ऑफ लिविंग, क्वालीटी ऑफ लाइफ हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है। पहले देश के लोगों को किस-किस तरह की परेशानी से गुजरना होता था। ये भी हम भूल नहीं सकते।
बिजली-पानी का बिल भरना हो, तो लाइन। अस्पताल में इलाज करना है तो लंबी लाइन। बीमा और पेंशन लेना है तो भी भरपूर समस्याएं। टैक्स रिटर्न फाइल करना है तो भी मुसीबतों से गुजरना। हमने डिजिटल इंडिया से इन सभी समस्याओं का समाधान दिया। बैंक जाकर काम कराने में पहले कितना समय और ऊर्जा लग जाती थी। आज आपका बैंक आपके मोबाइल फोन पर है। ये भी कइयों को याद नहीं होगा कि पिछली बार बैंक कब गए थे। जाने की जरूरत ही नहीं पड़ रही है। आप वो दिन भी याद करिए जब टैक्स रिटर्न फाइल करना भी बड़ी चुनौती हुआ करता था। इसके लिए किसी को ढूंढो, यहां जाओ वहां दौड़ो। यही सब कुछ हुआ करता था। आज कुछ ही समय में आप आसानी से ऑनलाइन रिटर्न फाइल कर सकते हैं। अगर रीफंड होता है तो उसका पैसा भी कुछ ही दिनों में आपके खाते में आ जाता है, वरना पहले कई-कई महीने लग जाते थे।
प्रधानमंत्री ने कहा मिडिल क्लास के लोगों के पास अपना घर हो, इसे लेकर भी पहली सरकारों को कोई चिंता नहीं थी। हमने गरीबों के घर की भी चिंता की और मिडिल क्लास के घर का सपना पूरा करने का भी इंतजाम किया। पीएम आवास योजना के तहत हमने मध्यम वर्ग के परिवारों को घर बनाने के लिए विशेष सब्सिडी दी। इसके तहत 18 लाख रुपए तक की सालाना आय वाले परिवारों को मदद दी गई। अभी तक देश के मध्यम वर्ग के छह लाख से ज्यादा परिवार इसका लाभ उठा चुके हैं। यहां गुजरात के भी 60 हजार से ज्यादा परिवारों ने केंद्र सरकार की इस योजना का लाभ उठाया है।
केंद्र में जब पुरानी सरकार थी तो अक्सर सुनते थे कि घर के नाम पर ये ठगी हो गई, वो धोखा हो गया। कई-कई सालों तक घर का पज़ेशन नहीं मिलता था। कोई कायदा-कानून नहीं था। कोई पूछने वाला नहीं था। ये हमारी सरकार है जिसने रेरा कानून बनाया, लोगों के हितों को सुरक्षित किया। रेरा कानून की वजह से आज लाखों लोगों के पैसे लुटने से बच रहे हैं।
आज जब देश में इतना काम हो रहा है, देश आगे बढ़ रहा है तो कुछ लोगों को परेशानी होनी बहुत स्वाभाविक है। जो लोग देश की जनता को हमेशा तरसा कर रखते थे। जिन लोगों को देश की जनता की आवश्यकताओं और आकांक्षाओं से कोई मतलब नहीं था, वो लोग देश की जनता के सपने पूरे होते देखकर, आज जरा ज्यादा चिढ़े हुए हैं।
उन्होंने कहा कि आप देख रहे हैं आजकल इन भ्रष्टाचारियों और परिवारवादियों ने अपनी ‘जमात’ का नाम भी बदल लिया है। चेहरे वही पुराने हैं, पाप भी पुराने हैं, तौर तरीके भी पुराने हैं लेकिन ‘जमात’ का नाम बदल गया है। इनके तौर-तरीके भी वही हैं पुराने हैं। इनके इरादे भी वो ही हैं। जब मिडिल क्लास को कुछ सस्ता मिलता है, तो ये कहते हैं कि किसान को सही कीमत नहीं मिल रही। जब किसान को ज्यादा कीमत मिलती है, तो ये कहते हैं कि महंगाई बढ़ रही है। यही दोहरापन, इनकी राजनीति है।
आप देखिए महंगाई के मामले में इनका ट्रैक रिकॉर्ड क्या है जब वो केंद्र में सत्ता में थे, तो इन्होंने महंगाई दर को 10 प्रतिशत तक पहुंचा दिया था। अगर हमारी सरकार ने महंगाई काबू में नहीं की होती तो आज भारत में कीमतें आसमान छू रही होतीं। अगर देश में पहले वाली सरकार होती तो आज, दूध 300 रुपए लीटर, दाल 500 रुपए किलो बिक रही होती। बच्चों की स्कूल फीस से लेकर आने-जाने का किराया तक, सब कुछ कई गुना हो चुका हो चुका होता।


