वेतन विसंगतियों पर मेट्रो कर्मचारी नाराज
दिल्ली मेट्रो के कर्मचारियों ने वेतन विसंगतियों को दूर करने की मांगों को लेकर 24 जुलाई को मेट्रो रोको, काम रोको की धमकी दी है
नई दिल्ली(देशबन्धु)। दिल्ली मेट्रो के कर्मचारियों ने वेतन विसंगतियों को दूर करने की मांगों को लेकर 24 जुलाई को मेट्रो रोको, काम रोको की धमकी दी है। परियोजना, रख रखाव व परिचालन कार्यों में लगे इन नॉन एक्जीक्यूटिव कर्मचारियों ने एक मेल भेजकर कहा है कि यह विरोध किसी को चार्जशीट देने के खिलाफ नहीं है वरन अधिकारियों के भ्रष्टïाचार के खिलाफ लड़ाई है। उन्होंने कहा कि एक कंपनी, एक वेतन-भत्ते की नीति पर काम होना चाहिए इसीलिए यह विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा। हालांकि इसके बाद दिल्ली मेट्रो ने चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि मेट्रो के नॉन एक्जीक्यूटिव कर्मियों की दो प्रमुख मांगों पर काम किया जाएगा।
मेट्रो ने कहा कि वेतन भत्तों में सुधार कर 'ए' श्रेणी के केंद्रीय पीएसई के अनुसार करने के लिए तीसरे वेतन आयोग की सिफारिशों को सरकार ने स्वीकार कर लिया है और कभी भी इस आशय के आदेश जारी हो सकते हैं। ऐसे मौके पर इस तरह की मांग करने का औचित्य नहीं है और वेतन भत्तों से संबंधित मामले को सरकार ने तय किया है कि जल्द ही निपटाया जाएगा। दूसरी मांग है कि प्रबंधन ने जो स्टाफ काउंसिल सदस्यों, कर्मियों के खिलाफ दुर्व्यवहार, अनुशासनहीनता, दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के नियमों की अवहेलना का है। यह कर्मी अपना व्यक्तिगत एजेंडा चला रहा रहे हैं इसीलिए दूसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित कर बाधा पहुंचाना चाह रहे हैं। मेट्रो कर्मी को बरगलाया जा रहा है इसलिए वे शांत रहें व मेट्रो सेवाओं को जारी रखें। दूसरी ओर स्टाफ काउंसिल के अनिल कुमार महतो ने बताया कि दिल्ली मेट्रो के अधिकारियों ने पिछले दिनों विरोध प्रदर्शन करने वालों के खिलाफ चार्जशीट जारी कर दी जबकि लोकतंत्र में कानून सम्मत असहमति, विरोध जताने का हक है।
उन्होने कहा कि हम वेतन भत्तों व अन्य मांगों को लेकर संघर्षरत हैं और अधिकारी वादा करके भूल जाते हैं। दिल्ली मेट्रो ने करीबन नौ हजार कर्मियों से 2015 में एक समझौता किया था लेकिन आज तक पूरा नहीं किया इसलिए मजबूरन हमें पूर्ण बंद पर विचार करना पड़ रहा है।


