पीडीपी को बचाने के लिए महबूबा मुफ्ती ने चलाया 'विधायक बचाओ अभियान'
जम्मू-कश्मीर में विधायकों की बगावत ने पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती की परेशानी बढ़ा दी है

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में विधायकों की बगावत ने पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती की परेशानी बढ़ा दी है। एक के बाद एक विधायक मुफ्ती पर वंशवाद का आरोप लगा रहे हैं। पीडीपी विधायकों की बगावत को बीजेपी की साजिश बता रही है। वहीं अब खुद मुफ्ती ने भी बीजेपी की चाल को नाकाम करने के लिए रुठे हुए विधायकों को मनाना शुरु कर दिया है।
महबूबा मुफ्ती की सरकार गिराने के बाद बीजेपी जोड़तोड़ से खुद कुर्सी पर काबिज होने के सपने देख रही है। अपने इस ख्वाब को पूरा करने के लिए उसने पीडीपी के विधायकों को तोड़ महबूबा मुफ्ती के खिलाफ चक्रव्यूह रचा है लेकिन मुफ्ती ने भी इसे भेदने की रणनीति तैयार कर ली है।
मुफ्ती ने राज्य में विधायक बचाओ अभियान चलाया है और अब वह अपने रुठे हुए विधायकों को मनाने की कोशिश कर रही है ताकि पार्टी को टूट से बचाया जा सके।
दरअसल इमराज रजा अंसारी, आबिद अंसारी, मोहम्मद अब्बास वानी और जावेद वेग ने बगावती तेवर अख्तियार कर रखे हैं। इन विधायकों का कहना है कि पार्टी के 14 और विधायक हमारे समर्थन में है लेकिन अभी इनमें से किसी भी विधायक ने पीडीपी की प्रथमिक सदस्यता से इस्तीफा नहीं दिया है।
इसीलिए सब कुछ बिखरने से पहले ही मुफ्ती पार्टी को संभालना चाहती है। पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने अपनी पार्टी को एकजुट करने के लिए वरिष्ठ नेताओं को सबके साथ रहने के लिए कहा है। मुफ्ती ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी हमे तोड़ने की कितनी भी कोशिश कर ले लेकिन हम कमजोर पड़ने वाले नहीं है। पीडीपी पहले भी एक थी और अब भी एक है।
आपको बता दें कि 19 जून को बीजेपी ने पीडीपी से समर्थन वापस लेकर सूबे में मुफ्ती की सरकार गिरा दी थी। उसके बाद से लगातार पार्टी पर आरोप लग रहे हैं कि वो पीडीपी के विधायकों को तोड़कर फिर से सरकार बनाना चाहती है।


