महबूबा, लोन ने जमात-ए-इस्लामी कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेने पर सवाल उठाए
जम्मू एवं कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और पीपुल्स कांफ्रेंस (पीसी) के अध्यक्ष सज्जाद लोन ने शनिवार को जमात-ए-इस्लामी के दर्जनों कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेने के पीछे की बुद्धिमत्ता पर

श्रीनगर । जम्मू एवं कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और पीपुल्स कांफ्रेंस (पीसी) के अध्यक्ष सज्जाद लोन ने शनिवार को जमात-ए-इस्लामी के दर्जनों कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेने के पीछे की बुद्धिमत्ता पर सवाल उठाया। घाटी में रात भर चली छापेमारी में समूह के दर्जनों नेताओं को हिरासत में लिए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए मुफ्ती ने ट्वीट कर कहा, "पिछले 24 घंटे में, हुर्रियत नेताओं और जमात संगठन के कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है।"
In the past 24 hours, Hurriyat leaders & workers of Jamaat organisation have been arrested. Fail to understand such an arbitrary move which will only precipitate matters in J&K. Under what legal grounds are their arrests justified? You can imprison a person but not his ideas.
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) February 23, 2019
उन्होंने कहा, "इस तरह के मनमाने कदम को समझ नहीं पा रही, जिससे केवल मामला उलझेगा..उनकी गिरफ्तारी किस कानूनी आधार के अंतर्गत की गई है और क्या वह जायज है? आप एक व्यक्ति को जेल में डाल सकते हो लेकिन उसके विचारों को नहीं।"
पूर्व राज्य मंत्री लोन ने भी सवाल उठाया, "सरकार गिरफ्तारी की होड़ में दिखाई दे रही है। चेतावनी सिर्फ एक शब्द है। 1990 में बड़ी संख्या में गिरफ्तारी हुई थी।"
कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिए जाने पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए लोन ने कहा, "नेताओं को जोधपुर और देश भर की अलग-अलग जेलों में ले जाया गया। चीजें और बिगड़ गई हैं। यह एक आजमाया हुआ और विफल मॉडल है। यह काम नहीं करेगा। चीजें और बिगड़ेंगी।"
दक्षिण, मध्य और उत्तरी कश्मीर के इलाकों में रात के दौरान यह छापेमारी की गई, जिसमें जमात संगठन के प्रमुख अब्दुल हामिद फयाज सहित दर्जनों जमात नेताओं को हिरासत में लिया गया।
जम्मू एवं कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के अध्यक्ष यासिन मलिक को शुक्रवार को हिरासत में लिया गया और पुलिस थाने में बंद कर दिया गया।


