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मिलिए इस पाकिस्तानी से, उम्र 13 साल और हैकिंग में गूगल-माइक्रोसॉफ्ट जैसी कंपनियां लेती हैं इसकी मदद

पाकिस्तान के कराची शहर के13 वर्षीय छात्र अहसान ताहिर यूँ तो छात्र हैं, लेकिन हैं बड़े कमाल के। दुनिया की तमाम बड़ी टैक्नोलॉजी कंपनियाँ जब मुसीबत में होती हैं तो अहसान ताहिर का अहसान लेती हैं।

मिलिए इस पाकिस्तानी से, उम्र 13 साल और हैकिंग में गूगल-माइक्रोसॉफ्ट जैसी कंपनियां लेती हैं इसकी मदद
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नई दिल्ली । पाकिस्तान के कराची शहर के13 वर्षीय छात्र अहसान ताहिर यूँ तो छात्र हैं, लेकिन हैं बड़े कमाल के। दरअसल अहसान ताहिर एथिकल हैकर “ethical hacker” हैं और दुनिया की तमाम बड़ी टैक्नोलॉजी कंपनियाँ जब मुसीबत में होती हैं तो अहसान ताहिर का अहसान लेती हैं।

अहसान तकनीकी कंपनियों को ऐसे बग्स और कमजोरियाँ vulnerabilities ढूँढने में मदद करते हैं, जो bugs और vulnerabilities सुरक्षा में सेंध लगाती हैं।

अहसान ताहिर ने हैकिंग की कोई पढ़ाई नहीं की है, बल्कि वे स्वयं प्रशिक्षित सुरक्षा सलाहकार हैं। यू ट्यूब वीडियो देखकर, ब्लॉग पढ़कर और स्वयं पर ही हैकिंग के दावं आजमाकर वह एथिकल हैकर बन गए।

गूगल क्रोम और फायरफॉक्स जैसे ब्राउज़र में बग का निदान करने के लिए उन्हें पिछले वर्ष ही 5000 डॉलर का इनाम दिया गया था।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक गूगल क्रोम और फायरफॉक्स के एड्रेस बार में ऐसा बग आ गया था, जो यूज़र्स को ऐसी मैलीशियस साइट्स पर भेज सकता था, जो यूज़र्स की संवेदनशील जानकारियाँ जुटाती थीं।

युवा तकनीशियन अब साइबर सुरक्षा के क्षेत्र के रॉकिंग स्टार हैं, जो माइक्रोसॉफ्ट और गूगल जैसी कंपनियों को बग्स मिटाने में मदद करते हैं।

ऐसी कच्ची उमर में जब बच्चे अपना अधिकाँश समय खेल में व्यतीत करते हैं, अहसान ताहिर खेल-खेल में ही बग्स ढूँढने और और उन्हें मिटाने में कंपनियों को मदद करके आमदनी कर रहे हैं।

अहसान ताहिर बड़े होकर सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनना और अपनी कंपनी खोलना चाहते हैं।


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