मानसिक एकाग्रता बढ़ाने में मेडिटेशन लाभदायक : गंगा बहन
राजयोग शिक्षिका ब्रह्माकुमारी गंगा दीदी ने कहा कि योग का अर्थ होता है ....

रायपुर। राजयोग शिक्षिका ब्रह्माकुमारी गंगा दीदी ने कहा कि योग का अर्थ होता है जोड़। आत्मा का सम्बन्ध परमात्मा से जोडऩा ही राजयोग है। मानसिक एकाग्रता और शारीरिक स्वास्थ्य दोनों ही के लिए राजयोग मेडिटेशन लाभदायक है। इससे एकाग्रता और स्मरण शक्ति तो बढ़ती ही है तनाव भी खत्म हो जाता है।
ब्रह्माकुमारी गंगा दीदी प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा चौबे कालोनी में आयोजित समर कैम्प में राजयोग मेडिटेशन विषय पर बोल रही थीं। उन्होंन आगे बतलाया कि राजयोग अंगों की शिथिलिकरण की प्रक्रिया है जिससे हमें शारीरिक और मानसिक उर्जा मिलती है। बहुत से लोग समझते हैं कि हमें तनाव नहीं है तो मेडिटेशन की क्या जरूरत है? किन्तु यह सोच ही गलत है। यह जरूरी नहीं है कि तनाव होने पर ही मेडिटेशन करें। बल्कि मेडिटेशन को अपने जीवन का रूटिन हिस्सा बनाना होगा। मेडिटेशन से हमें आन्तरिक खुशी और शान्ति मिलती है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान समय मनुष्य धन के पीछे भाग रहा है। वह सुख और शान्ति को भौतिक अल्पकालिक सुख के साधनों में ढूँढ रहा है। किन्तु शान्ति एक आन्तरिक अनुभूति है। इसको अनुभव करने के लिए हमें अपने अन्दर झाँकना होगा। राजयोग का एक अर्थ यह भी है कि यह अर्न्तजगत की सैर है। इसके द्वारा हम बाहरी हलचल की दुनिया से निकलकर आन्तरिक शान्ति की दुनिया में जाते हैं। ब्रह्माकुमारी गंगा दीदी ने बतलाया कि राजयोग के लिए हम अलर्ट होकर बैैठें। पीठ को एकदम सीधा रखें।
आँखें हमारी खुली हों ताकि मन यहाँ -वहाँ न भटके। शरीर को ढीला छोड़ दें। मन में विचार करें कि मैं शरीर में मस्तक के बीचों -बीच रहने वाली चैतन्य शक्ति आत्मा हूँ। मन, बुद्घि और संस्कार मुझ आत्मा की तीन शक्तियाँ हैं। मन है विचार शक्ति, बुद्घि है निर्णय शक्ति और संस्कार है कर्म शक्ति। विचार करते-करते बुद्घि एकाग्र होने लगती है एवं सुख शान्ति आनन्द और प्रेम की अनुभूति होने लगती है।
इसी प्रकार परमात्मा को भी हम उनके परिचय, कर्तव्य, रूप और गुण के आधार पर याद कर सकते हैं।
अन्त में उन्होंने सभी बच्चों को कमेन्ट्री के द्वारा राजयोग का अभ्यास कराया। जिसे बच्चों ने बहुत पसन्द किया।


