Top
Begin typing your search above and press return to search.

डाक्टरी का पेशा समाज सेवा, नैतिकता जरूरी: जावड़ेकर

 मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने आज कहा कि डाक्टरी का पेशा एक समाज सेवा है इसलिए इसमें नैतिकता बेहद जरूरी है

डाक्टरी का पेशा समाज सेवा, नैतिकता जरूरी: जावड़ेकर
X

नयी दिल्ली। मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने आज कहा कि डाक्टरी का पेशा एक समाज सेवा है इसलिए इसमें नैतिकता बेहद जरूरी है। जावड़ेकर यहां डाक्टर राम मनोहर लोहिया अस्पताल स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान संस्थान के सातवें दीक्षांत समारोह के अवसर पर बोल रहे थे।

उन्होंने इस अवसर पर स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त करने वाले छात्रों से नए भारत के निमार्ण में सहयोग करने का आह्वान करते हुए कहा कि जितने कठोर परिश्रम के साथ उन्हाेंने चिकित्सा के क्षेत्र में यह उपलब्धि हासिल की है उतने ही समपर्ण के साथ वह मानव सेवा में अपना हाथ बटाएं। इसके लिए अपने पेशे के प्रति पूरी ईमानदारी और नैतिकता का निर्वहन करें। उन्होंने कहा कि किसी भी डाक्टर के लिए उसके इलाज से ठीक हुए मरीज की मुस्कान से बड़ी डिग्री कुछ और नहीं हाे सकती।

पैसा सभी कमा लेते हैं लेकिन मानवीय मूल्यों को सहेजना सबके बस की बात नहीं होती। लोग उन्हीं को याद रखते है जो मानवीय मूल्यों को महत्व देते हैं। श्री जावड़ेकर ने कहा कि गरीबों को किफायती दरों पर गुणवत्ता युक्त चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से है।

स्टेंट की कीमतें घटाना और मंहगी दवाओं के विकल्प स्वरुप जेनेरिक दवाओं की व्यवस्था और जनऔषधि केन्द्रों की स्थापना इसी क्रम में उठाया गया कदम है। उन्हाेंने कहा कि स्टेंट की कीमतें घटाई नहीं गई हैं बल्कि इनको लेकर जो लूट मची थी उसे खत्म किया गया है।

कई अन्य दवाओं और उपकरणों के मामले में भी सरकार ऐसे ही कदम उठाने जा रही है। इलाज के साथ ही बचाव के उपायों को भी बराबर महत्व दिया जा रहा है और इसके लिए इंद्रधनुष जैसे टीकाकरण अभियान और योग को बढ़ावा देने के प्रयास हाे रहे हैं।

लोहिया अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी गडपायले ने इस अवसर पर लोहिया अस्पताल की बेहतर होती चिकित्सा सेवाओं का हवाला देते हुए कहा कि अस्पताल में कई नए चिकित्सा विभाग खोले गए हैं।

नए चिकित्सा उपकरण लगाए जा रहे हैं। दो एमआरई मशीनें मंगाई गई हैं। दिल्ली के बाहर से आने वाले मरीजों के परिजनों के ठहरने के लिए अस्पताल परिसर में एक धर्मशाला भी खोली गई है।

उच्च शिक्षा के क्षेत्र के लिए 2008 में यहां खोले गए स्नातकोत्तर शिक्षा संस्थान की सींटे 85 से बढ़ाकर 185 कर दी गई हैं। इस अवसर पर विभिन्न चिकित्सा विषयों पर 83 छात्रों को एमडी एमएस और 24 छात्राें को डीएम एमसीएच की डिग्री पदान की गई। प्रतिभावान छात्रों को स्वर्ण और रजत पदक से नवाजा गया। इस मौके पर अस्पताल की ओर से निकाले गए एक जर्नल का विमाेचन भी किया गया।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it