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चंद पूँजीपतियों के हाथ चला गया है मीडिया: जगदीश उपासने

 पान्चजन्य और आर्गनाईजर के समूह संपादक जगदीश उपासने ने कहा हैं कि आज मीडिया का बड़ा हिस्सा चंद पूँजीपतियों के हाथ चला गया है और उनकी कठपुतली बना हुआ है

चंद पूँजीपतियों के हाथ चला गया है मीडिया: जगदीश उपासने
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रायपुर। पान्चजन्य और आर्गनाईजर के समूह संपादक जगदीश उपासने ने कहा हैं कि आज मीडिया का बड़ा हिस्सा चंद पूँजीपतियों के हाथ चला गया है और उनकी कठपुतली बना हुआ है जिसके कारण मीडिया मे एक अराजकता की स्थिति निर्मित हो गई है।

उपासने ने यहां प्रेस क्लब में वरिष्ठ पत्रकार पं.बबन प्रसाद मिश्र की स्मृति में आयोजित 'राष्ट्रधर्म एवं पत्रकारिता' विषय पर आयोजित संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए कल यहां कहा कि मीडिया को राष्ट्र धर्म से जोड़ने के लिए समाज को आगे आना होगा।दर्शक,पाठक,श्रोता मिलकर मीडिया को सुधार सकते हैं । असली ताक़त समाज के पास है।उन्होने कहा कि मीडिया को राजनीतिक लड़ाई का हथियार बनने से बचना चाहिए।उन्होने कहा कि मीडिया का कार्य देशहित के लिए होना चाहिए, अहित के लिए नहीं।किसी विचारधारा को नीचा दिखाने के लिए देशहित को पीछे कर ​देना स​ही पत्रकारिता नहीं है।

उन्होने कहा कि मीडिया अच्छी तरह समझता है कि राष्ट्रहित कहां है, लेकिन कतिपय लोग उसे हा​शिए में रखने का प्रयास करते हैं।जो मीडिया व्यक्ति की गरिमा का ख्याल नहीं रख सकता वह देशहित की गरिमा का ख्याल कैसे रखेगा।उन्होंने कहा कि पाठकों की रूचि विकासपरख खबरों में है, न कि अपराधों को महिमा मंडित करने वाली खबरों में।हर मीडिया समूह की एक विचारधारा होती है, लेकिन उस विचारधारा में मिलावट नहीं होनी चाहिए।उन्होने स्वं बबन जी को अपना गुरू बताते हुए कहा कि पत्रकारिता में उन्हे वहीं लेकर आए थे।

संगोष्ठी के मुख्य वक्ता पांचजन्य के संपादक डॉ. हितेश शंकर ने मूल्यपरक पत्रकारिता की बात करते हुए कहा कि सूचना के साथ संस्कार देना भी मीडिया का काम है।उन्होंने कहा कि आज मीडिया द्वारा भ्रम रचने की कोशिश की जा रही है।उन्होने पत्रकारिता के लिए पांच सूत्र संतुलन, समझ, संस्कार, सामूहिकता और संकल्प की ज़रूरत बताते हुए कहा कि संतुलन के बिना पत्रकारिता अपूर्ण है।वरिष्ठ पत्रकार एवं साहित्यकार गिरीश पंकज ने कहा कि प्रगतिशीलता का मतलब राष्ट्रहित को हाशिए पर डालना नहीं होता।व्यक्ति को जागृ​त करने का काम या तो साहित्य कर सकता है या फिर मीडिया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रधर्म सबसे बड़ा धर्म है और मीडिया को राष्ट्रधर्म का अनुपालन करना चाहिए।

इस मौके पर स्व.बबन प्रसाद मिश्र के नाम से प्रारंभ पत्रकारिता पुरस्कार पाचजन्य के समूह संपादक वरिष्ठ पत्रकार जगदीश उपासने को दिया गया ।वहीं कवि उमेश शर्मा सम्मान पत्रकार साहित्यकार गिरीश पंकज को दिया गया। कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार रमेश नैयर, बबन प्रसाद मिश्र के अनुज गणेश मिश्र एवं सुभाष मिश्र, संगवारी सोशल मीडिया समूह के प्रमुख और बबन प्रसाद मिश्र के पुत्र गिरीश मिश्र, सतीश मिश्र, मनीष मिश्र और अनेक गणमान्य नागरिक मौजूद थे।


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