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मक्का मस्जिद ब्लास्ट: NIA को नहीं मिले सबूत, सभी पांच आरोपी बरी 

हैदराबाद के मक्का मस्जिद ब्लास्ट केस के सभी पांच आरोपियों को बरी किया गया। इस मामले पर 11 साल बाद फैसला सुनाया गया है।

मक्का मस्जिद ब्लास्ट: NIA को नहीं मिले सबूत, सभी पांच आरोपी बरी 
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नई दिल्ली। हैदराबाद के मक्का मस्जिद ब्लास्ट केस के सभी पांच आरोपियों को बरी किया गया। इस मामले पर 11 साल बाद फैसला सुनाया गया है।

हैदराबाद की विशेष एनआईए कोर्ट आरोपियों के खिलाफ सबूत पेश नहीं कर पाई इसलीए स्वामी असीमानंद समेत सभी 5 आरोपियों को बरी किया गया।

स्वामी असीमानंद मक्का मस्जिद ब्लास्ट मामले के मुख्य आरोपी है और इन्हें हैदराबाद के नमापल्ली कोर्ट में लाया गया था।



गृह मंत्रालय के पूर्व सचिव, आरवीएस मणि ने कहा मुझे यह उम्मीद थी सबूतों के सभी टुकड़े जोड़े गए थे, अन्यथा, कोई हिंदू आतंकवादी कोण नहीं था।


उन्होंने कहा कि मक्का मस्जिद पर जिन लोगों ने हमला किया एनआईए ने उन लोगों को बरी किया, यह चिंताजनक है। क्या आप उन लोगों की क्षतिपूर्ति कैसे करते हैं जिनको पीड़ित और बदनाम किया गया था? क्या कांग्रेस या किसी और ने इस सिद्धांत का प्रचार किया है, उन्हें क्षतिपूर्ति करें?


असदुद्दीन ओवैसी ने मक्का मस्जिद ब्लास्ट मामले में ट्वीट करते हुए कहा कि न्याय नहीं किया गया है, एनआईए और मोदी सरकार ने भी जुर्माने के खिलाफ अपील नहीं की थी जिसे 9 0 दिनों के भीतर अभियुक्त दिया गया था यह पूरी तरह से पक्षपातपूर्ण जांच थी जो आतंकवाद से लड़ने के हमारे संकल्प को कमजोर करेगा, 9 लोगों की मौत कई घायल ।




एनआईए एक बहरे और अंधा टोटा है, उन्होंने अभियुक्त को जमानत के खिलाफ अपील नहीं किया, जून 2014 के बाद गवाह ने दोबारा शत्रुतापूर्ण ठहराया IO उचित वक्तव्य नहीं दे सकता है ताकि पीड़ितों के नतीजों को विफल करने के लिए सब कुछ किया गया है आज के निर्दोष होने के बाद आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई कमजोर है


आपको बता दें की साल 2007 में जुमे की नमाज के दौरान ऐतिहासिक मक्का मस्जिद में 18 मई 2007 को ब्लास्ट हुआ था। इस धमाके में 9 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 58 लोग घायल हुए थे।



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