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पूर्वी दिल्ली के महापौर डीडीए उपाध्यक्ष से मिले, मास्टर-प्लान 2041 पर हुई चर्चा

पूर्वी दिल्ली के महापौर श्याम सुंदर अग्रवाल ने मंगलवार को डीडीए उपाध्यक्ष अनुराग जैन से मुलाकात की और उन्हें मास्टर-प्लान 2041 से संबंधित अपने सुझाव भी दिए

पूर्वी दिल्ली के महापौर डीडीए उपाध्यक्ष से मिले, मास्टर-प्लान 2041 पर हुई चर्चा
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नई दिल्ली। पूर्वी दिल्ली के महापौर श्याम सुंदर अग्रवाल ने मंगलवार को डीडीए उपाध्यक्ष अनुराग जैन से मुलाकात की और उन्हें मास्टर-प्लान 2041 से संबंधित अपने सुझाव भी दिए। इस दौरान अग्रवाल ने कहा कि अनधिकृत नियमित कॉलोनियों में 32 मीटर से छोटे प्लॉट का नक्शा पास नहीं होता, जिसके कारण लोग अवैध निर्माण करते हैं और ऐसे निर्माण कार्य लगातार जारी रहते हैं। उन्होंने कहा, "इसके बदले निगम के कर्मचारी दिन-प्रतिदिन भ्रष्टाचार में लिप्त रहते हैं और उनकी मिलीभगत से अवैध मकान बनते रहते हैं। इसलिए प्लॉट का साइज कोई भी हो, सभी का नक्शा पास होना चाहिए ताकि अवैध निर्माण रूके और निगम को राजस्व मिले।"

उनके मुताबिक, बिल्डिंग बाय-लॉज के अनुसार, यदि किसी प्लॉट का विभाजन 30.06.1977 से पहले का है तो ही उसका नक्शा पास होता है। यदि इसके बाद का है तो वह नक्शा पास नहीं होता। नक्शा पास कराने वाला व्यक्ति मजबूरी में 1977 से पहले का नकली पेपर लगाता है और नक्शा पास करवाता है या फिर अवैध निर्माण करता है। अवैध निर्माण में बिल्डिंग विभाग के अधिकारी संलिप्त रहते हैं। मकान बनाने वाला जो भी व्यक्ति इन्हें पैसा नहीं देता वे उसका बिल्डिंग बुक कर देते हैं, जिसके कारण इनका बिजली, पानी का कनेक्शन नहीं लग पाता है और उनके लिए जिंदगी भर परेशानी का सबब बन जाता है।

अग्रवाल ने आगे कहा, "मास्टर प्लान-2021 में रिहायशी क्षेत्रों में मीट की दुकानें खोलने की अनुमति होने की वजह से दिल्ली में छोटी-छोटी गलियों में भी मीट की दुकानें खोल दी गईं। इन दुकानों के कारण होने वाली बदबू से स्थानीय लोगों को नारकीय जीवन जीने को मजबूर होना पड़ता है, जिसकी शिकायत क्षेत्रीय निगम पार्षदों को मिलती रहती है और उनके उपर जनता का काफी दबाव रहता है।"

हालांकि उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि मीट की दुकानों को सिर्फ कमर्शियल सड़कों पर ही खोलने की इजाजत दी जानी चाहिए। चूंकि दिल्ली की जनता के सुझावों को मद्देनजर रखते हुए अब मास्टर-प्लान 2041 लागू किए जाने की तैयारी चल रही है, जिसमें इस प्रस्ताव को भी शामिल किया जा सकता है।

उन्होंने अनुरोध किया कि मास्टर प्लान-2041 में इस प्रस्ताव को शामिल करते हुए रिहायशी क्षेत्रों में मीट की दुकानें खोलने की अनुमति नहीं दी जाए, जिससे रिहायशी क्षेत्र में रहने वाले नागरिकों को भविष्य में कोई परेशानी न हो। इस विषय में उप-राज्यपाल को भी पत्र द्वारा अवगत कराया जा चुका है।


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