Top
Begin typing your search above and press return to search.

उपचुनाव में फायदा लेने के लिए 17 जातियों को धोखा दे रही सरकार : मायावती

सरकार उपचुनाव में फायदा लेने के लिये राज्य की 17 जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने का नाटक कर रही है

उपचुनाव में फायदा लेने के लिए 17 जातियों को धोखा दे रही सरकार : मायावती
X

लखनऊ । बहुजन समाज पार्टी(बसपा) अध्यक्ष मायावती ने आरोप लगया है कि प्रदेश सरकार उपचुनाव में फायदा लेने के लिये राज्य की 17 जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने का नाटक कर रही है।

सुश्री मायावती ने आज यहां जारी बयान में कहा है कि योगी सरकार का राज्य की 17 जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने का आदेश पूरी तरह से गैर कानूनी और असंवैधानिक है। जब सरकार जानती है कि इन 17 जातियों को अनुसूचित जाति का लाभ नहीं मिल सकता है तो सरकार ने ऐसा फैसला क्यों किया गया। उन्होंने कहा कि इससे साफ है कि योगी सरकार ने सपा सरकार की तरह इन 17 जातियों को धोखा देने के लिए ये आदेश जारी किया है।

बसपा अध्यक्ष ने कहा कि यदि ऐसा किया ही जाना है तो पहले अनुसूचित जाति का कोटा बढ़ाया जाए जिससे कि कोटे में शामिल हुईं 17 नई ओबीसी जातियों को इसका लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि यह फैसला उत्तर प्रदेश की योगी सरकार का 17 पिछड़ी जातियों के साथ बहुत बड़ा धोखा है। अब वे न तो 27 प्रतिशत आरक्षण वाली ओ.बी.सी. सूची में रहेंगे और न ही उन्हें अनुसूचित जाति के कोटे का कोई लाभ ही मिल पाएगा।

सुश्री मायावती ने कहा कि यदि ऐसा की करना जरूरी था कि इन 17 जातियों को अनुसूचित जाति की श्रेणी में जोड़ा जाए तो अनुसूचित जाति श्रेणी का आरक्षण कोटा बढ़ाया जाए। इससे अनुसूचित जाति वर्ग में जातियों को मिलने वाले लाभ कम नहीं होता और जिन 17 जातियों को अनुसूचित जाति श्रेणी में जोड़ा जाता, उन्हें भी लाभ मिलता रहता। पहले भी इस तरह की मांग होती रही है, लेकिन केंद्र की सरकारों ने इस बारे में कुछ नही किया।

सुश्री मायावती ने कहा कि पूर्व में जब समाजवादी पार्टी(सपा) की सरकार द्वारा भी इसी तरह की गैर-कानूनी तरीके से इन 17 जातियों को धोखा देने की नीयत से आदेश जारी किये थे तब भी उसका उस समय बसपा ने विरोध किया था।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2007 में बसपा की सरकार के दौरान इन 17 जातियों को अनुसूचित जाति में जोड़े जाने के लिये तत्कालीन कांग्रेस की केन्द्र में रही सरकार को पत्र लिखा था जिसमें यह मांग की गई थी कि इन 17 जातियों को अनुसूचित जाति की सूची में जोड़ने के साथ-साथ इस क्षेणी का कोटा भी उसी अनुपात में बढ़ाया जाय।

गौरतलब है कि राज्य की योगी सरकार ने 17 अति पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने का फैसला लिया है। हालांकि, इलाहाबाद उच्च न्यायालय में दायर एक याचिका की वजह से इन 17 जातियों को जारी होने वाले जाति प्रमाण पत्र न्यायालय के अंतिम निर्णय के अधीन होंगे।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it