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सांस्कृतिक केन्द्र का शिलान्यास भाजपा की 'नाटकबाजी': मायावती

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंगलवार को राजधानी लखनऊ में डॉ.भीमराव आम्बेडर सांस्कृतिक केंद्र का वर्चुअल शिलान्यास किया

सांस्कृतिक केन्द्र का शिलान्यास भाजपा की नाटकबाजी: मायावती
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लखनऊ। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंगलवार को राजधानी लखनऊ में डॉ.भीमराव आम्बेडर सांस्कृतिक केंद्र का वर्चुअल शिलान्यास किया।

इसे लेकर बसपा मुखिया मायावती ने भाजपा सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने इसे विधानसभा चुनाव से पहले की गई 'नाटकबाजी' करार दिया है। मायावती ने मंगलवार को एक बाद एक ट्वीट कर भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला। कहा कि बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर व उनके करोड़ों शोषित-पीड़ित अनुयाइयों का सत्ता के लगभग पूरे समय उपेक्षा व उत्पीड़न करते रहने के बाद अब विधानसभा चुनाव के नजदीक यूपी भाजपा सरकार द्वारा बाबा साहेब के नाम पर सांस्कृतिक केन्द्र का शिलान्यास करना यह सब 'नाटकबाजी' नहीं तो और क्या है।

उन्होंने कहा कि, "बीएसपी परमपूज्य बाबा साहेब डा. अम्बेडकर के नाम पर कोई केन्द्र आदि बनाने के खिलाफ नहीं है, परन्तु अब चुनावी स्वार्थ के लिए यह सब करना घोर छलावा। यूपी सरकार अगर यह काम पहले कर लेती तो मा. राष्ट्रपति जी आज इस केन्द्र का शिलान्यास नहीं बल्कि उदघाटन कर रहे होते तो यह बेहतर होता।"

बसपा मुखिया ने कहा कि, "इस प्रकार के छलावे व नाटकबाजी के मामले में चाहे बीजेपी की सरकार हो या सपा अथवा कांग्रेस आदि की, कोई किसी से कम नहीं, बल्कि दलितों व पिछड़ों आदि का हक मारने व उनपर अन्याय-अत्याचार आदि के मामले में वे एक ही थैली के चट्टे-बट्टे हैं, जो सर्वविदित है तथा यह अति दु:खद।"

उन्होंने कहा कि इसी का परिणाम है कि दलित व पिछड़ों के लिए आरक्षित लाखों सरकारी पद अभी भी खाली पड़े हैं तथा इनके संतों, गुरुओं व महापुरुषों के नाम पर यूपी में बीएसपी सरकार द्वारा निर्मित विश्वस्तरीय भव्य स्थलों व पार्कों आदि की घोर उपेक्षा पिछले सपा शासनकाल से ही लगातार जारी है जो अति-निन्दनीय।

ज्ञात हो कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंगलवार को लोकभवन से भारत रत्न डॉ. भीमराव आंबेडकर के स्मारक व सांस्कृतिक केंद्र का शिलान्यास किया। ऐशबाग में आंबेडकर स्मारक एवं सांस्कृतिक केंद्र का निर्माण किया जाएगा। सांस्कृतिक केंद्र में एक ओर जहां बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की 25 फीट ऊंची प्रतिमा लगाई जाएगी, तो बाबा साहब की पवित्र अस्थियों के कलश को भी दर्शन के लिए रखा जाएगा। इसके साथ ही 750 दर्शक क्षमता वाला अत्याधुनिक ऑडिटोरियम, आभाषी संग्रहालय, पुस्तकालय, शोध केंद्र, डॉरमेट्री, कैफेटेरिया सहित अन्य मूलभूत सुविधाओं को विकसित किया जाएगा।


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