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मध्य प्रदेश में किसानों पर दर्ज मामले वापस होंगे

मध्य प्रदेश में किसान आंदोलन सहित अन्य राजनीतिक आंदोलनों के दौरान दर्ज किए गए आपराधिक प्रकरणों को सरकार वापस लेगी

मध्य प्रदेश में किसानों पर दर्ज मामले वापस होंगे
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भोपाल। मध्य प्रदेश में किसान आंदोलन सहित अन्य राजनीतिक आंदोलनों के दौरान दर्ज किए गए आपराधिक प्रकरणों को सरकार वापस लेगी।

सरकार की तरफ से जारी बयान के अनुसार, गृहमंत्री बाला बच्चन और विधि-विधायी मंत्री पी़ सी़ शर्मा ने आज मंत्रालय में एक उच्चस्तरीय बैठक में आपराधिक प्रकरणों, विशेषकर धरना, प्रदर्शन, आंदोलन संबंधी प्रकरणों की लोकहित में वापसी संबंधी प्रक्रिया की समीक्षा की।

लेकिन सूत्रों ने बताया कि अधिकारियों को इन प्रकरणों में वैधानिक प्रक्रिया का पालन कर त्वरित कार्रवाई करने को कहा गया है। साथ ही उपरोक्त प्रकरणों को लोकहित में वापस लेने के लिए जिला-स्तर पर गठित समितियों को विचार-विमर्श कर अपनी अनुशंसाओं को अविलंब शासन के समक्ष विचारार्थ भेजने के लिए कहा गया है।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, किसान आंदोलन को लेकर लगभग 175 प्रकरण दर्ज हैं। इनमें कई हजार किसान आरोपी हैं। ये प्रकरण आंदोलन, धरना व प्रदर्शन को लेकर दायर किए गए हैं। इन प्रकरणों को वापस लेने का सरकार ने पूर्व में ही ऐलान किया था। इस पर अब अमल शुरू करने की प्रक्रिया तेज हो गई है।

किसान नेता और प्रदेश के कार्यकारी अध्यक्ष केदार सिरोही ने सरकार द्वारा किसानों पर दर्ज मामले वापस लिए जाने की प्रक्रिया शुरू किए जाने का स्वागत करते हुए कहा, "वर्तमान सरकार चाहती है कि किसान को आंदोलन और कोर्ट-कचहरी से दूर रखा जाए। इसीलिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।"


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