Top
Begin typing your search above and press return to search.

मामला गंभीर, होगी पूरी जांच

सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को कहा कि सीबीआई की विशेष अदालत के जज बी.एच. लोया की संदिग्ध हालात में मौत पर उठा विवाद 'गंभीर' है

मामला गंभीर, होगी पूरी जांच
X

नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को कहा कि सीबीआई की विशेष अदालत के जज बी.एच. लोया की संदिग्ध हालात में मौत पर उठा विवाद 'गंभीर' है और अदालत इस पर गौर करेगी कि नवम्बर, 2014 में हुई उनकी मौत किन परिस्थितियों में हुई। जज लोया सोहराबुद्दीन शेख, उसकी पत्नी कौसर बी और तुलसीराम प्रजापति की गुजरात में फर्जी मुठभेड़ में कराई गई हत्या के मामले की सुनवाई कर रहे थे। वह इस मामले के आरोपियों में से एक गुजरात के तत्कालीन गृह राज्यमंत्री अमित शाह को अदालत में पेश होने के लिए कई बार समन दे चुके थे। लेकिन शाह पेश नहीं हो रहे थे। अगली सुनवाई से एक रात पहले लोया अपने एक दोस्त की बेटी की शादी में शामिल होने नागपुर गए थे। वह एक रेस्टहाउस में ठहरे थे, जहां उनकी मौत हो गई। उनकी बहन के मुताबिक, 48 वर्षीय लोया की मौत की खबर और उनका सामान लेकर आरएसएस का एक कार्यकर्ता उनके घर गया था। उन्हें व उनके परिवार को फोन पर धमकियां भी मिल रही थीं।

हम सभी तथ्यों का परीक्षण कर रहे हैं : न्यायालय

पीठ ने कहा कि मामला गंभीर है। हम सभी सामग्री का परीक्षण कर रहे हैं। पीठ ने लोया की मौत से जुड़े सभी मामलों व मौत की परिस्थिति जन्य कारणों को अदालत के समक्ष प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली शीर्ष अदालत की पीठ ने मामले से जुड़े बंबई उच्च न्यायालय व इसकी नागपुर पीठ में लंबित दो याचिकाओं को भी खुद अपने पास मंगा लिया है। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख 2 फरवरी मुकर्रर की है।

प्रधान न्यायाधीश की नीयत पर उठ चुके हैं सवाल

प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने पहले यह मामला अरुण मिश्रा की अगुवाई वाली खंडपीठ को सौंपा था, जिसका चार वरिष्ठ न्यायाधीशों ने विरोध किया था। उनका कहना था कि प्रधान न्यायाधीश ने इस मामले को रफा-दफा करवाने की नीयत से ऐसा किया है। उन्होंने इस संबंध में दीपक मिश्रा को पत्र लिखा था। पत्र के जवाब का एक महीना इंतजार करने के बाद चारों न्यायाधीशों ने मीडिया का सहारा लिया, ताकि उनकी बात दबा न दी जाए। अब दीपक मिश्रा ने यह मामला खुद अपने हाथ में लिया है। उन्होंने महाराष्ट्र की अलग-अलग अदालतों में चल रहे इससे जुड़े मामलों को अपने पास स्थानांतरित करवा लिया है।

महाराष्ट्र सरकार ने मौत की वजह बताई ह्दयघात

वहींमहाराष्ट्र सरकार ने शीर्ष अदालत से कहा कि जज लोया की मौत की सावधानीपूर्वक विस्तृत जांच की गई है। चार न्यायिक अधिकारियों ने आश्वस्त किया है कि उनकी मौत के संबंध में किसी तरह की गड़बड़ी की आशंका नहीं है। इस मामले में रिकॉर्ड किए गए बयानों में कहा गया है कि न्यायाधीश लोया की मृत्यु दिल का दौरा पड़ने से हुई है।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it