कम हो रहे पतंगबाजी के दौरान बिजली ट्रिपिंग के मामले, लेकिन जानलेवा है यह शगल
पतंगबाजी के शौकीनों से सरकार ने अपील की है कि वे बिजली के पोल, तारों, ट्रांसफॉर्मरों और अन्य उपकरणों के आसपास पतंग न पड़ाएं

नई दिल्ली। पतंगबाजी के शौकीनों से सरकार ने अपील की है कि वे बिजली के पोल, तारों, ट्रांसफॉर्मरों और अन्य उपकरणों के आसपास पतंग न पड़ाएं। दिल्लीवासियों से यह भी अपील की गई है कि वे पतंग उड़ाने के लिए मेटल-युक्त मांझे का प्रयोग कतई न करें। मेटैलिक मांझा न सिर्फइलाके की बिजली गुल कर सकता है, बल्कि इससे लोगों की जान को भी खतरा हो सकता है। याद रखें, मेटल-कोटेड मांझा जब बिजली की तारों व अन्य उपकरणों के संपर्क में आता है, तो बिजली का करंट मैटेलिक मांझे से प्रवाहित होकर पतंग उड़ाने वाले व्यक्ति के शरीर तक पहुंच सकता है। हालांकि सरकार द्वारा यह मांझा प्रतिबंधित है।
बच्चों से भी अपील की गई है कि वे कटी हुई पतंग लेने के लिए बिजली उपकरणों के पास या प्रतिबंधित इलाकों में न जाएं। यह उनकी जान को जोखिम में डाल सकता है।
गौरतलब है कि स्वतंत्रता दिवस के मौके पर बड़े पैमाने पर होने वाली पतंगबाजी के कारण हजारों घरों की बिजली गुल हो सकती है। यदि 66/33 केवी की सिर्फएक लाइन ट्रिप हो जाए, तो इससे एकसाथ 10 हजार व यदि पतंगबाजी की 11 केवी की एक लाइन ट्रिप होने पर 2500 लोगों की बिजली आपूर्ति प्रभावित हो सकती है। बिजली आपूर्ति में बाधा पहुंचाना और बिजली के उपकरणों को क्षतिग्रस्त करना कानूनन जुर्म है तो वहीं इसमें सजा भी हो सकती है।
बीते वर्ष पतंगबाजी की वजह से हुई अकेले बीएसईएस इलाके में 28 जगहों पर बिजली गुल हुई थी, जिसके बाद बिजली को बहाल करने में 15 मिनट से लेकर 2 घंटे तक का वक्त लगा था। हालांकि वर्ष 2015 के 45 के मुकाबले ट्रिपिंग की संख्या कम ही दर्ज की गई। पतंगबाजी की वजह से होने वाली ट्रिपिंग्स के मद्देनजर बीआरपीएल और बीवाईपीएल ने अपनी टीमों को हाईअलर्ट पर रहने को कहा है। टीमों को निर्देश दिए गए हैं कि यदि कहीं पतंगबाजी की वजह से ट्रिंपिंग होती है, तो घटनास्थल पर तुरंत पहुंचकर, इलाके में जल्द से जल्द बिजली व्यवस्था बहाल की जाए। हर साल पतंगबाजी की वजह से बिजली की लाइनों व उपकरणों को भारी नुकसान पहुंचता है।


