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मार्केट आउटलुक: तिमाही नतीजे, महंगाई और वैश्विक आर्थिक आंकड़ों से तय होगा बाजार का रुख

भारतीय शेयर बाजार के लिए अगला हफ्ता काफी अहम होने वाला है। तिमाही नतीजे, खदुरा एवं थोक महंगाई के आंकड़े, अमेरिकी रेसिप्रोकल टैरिफ को लेकर नया अपडेट और वैश्विक स्तर पर जारी आने वाले डेटा का शेयर बाजार पर असर देखने को मिल सकता है

मार्केट आउटलुक: तिमाही नतीजे, महंगाई और वैश्विक आर्थिक आंकड़ों से तय होगा बाजार का रुख
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मुंबई। भारतीय शेयर बाजार के लिए अगला हफ्ता काफी अहम होने वाला है। तिमाही नतीजे, खदुरा एवं थोक महंगाई के आंकड़े, अमेरिकी रेसिप्रोकल टैरिफ को लेकर नया अपडेट और वैश्विक स्तर पर जारी आने वाले डेटा का शेयर बाजार पर असर देखने को मिल सकता है।

अगले हफ्ते इरडा, एचडीएफसी लाइफ, इन्फोसिस, टाटा इलेक्सी, एचडीएफसी बैंक और आईसीआईसीआई बैंक जैसी कंपनियों की ओर से वित्त वर्ष 25 की चौथी तिमाही के नतीजे जारी किए जाएंगे।

इसके अतिरिक्त, थोक और खुदरा महंगाई के आंकड़े भी अगले हफ्ते जारी किए जा सकते हैं।

वैश्विक स्तर पर अमेरिका की ओर से इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन, मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर और जॉबलेस क्लेम जैसे अहम डेटा जारी किए जाएंगे। वहीं, चीन द्वारा 2025 की पहली तिमाही का जीडीपी डेटा जारी किया जा सकता है। अगर यह डेटा मजबूत होता है, तो वैश्विक बाजारों पर इसका सकारात्मक असर हो सकता है।

7 अप्रैल से 11 अप्रैल तक के कारोबारी सत्र में शेयर बाजार में कारोबार मिलाजुला रहा। निफ्टी 0.33 प्रतिशत की गिरावट के साथ 22,828 और सेंसेक्स 0.28 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 75,157 पर बंद हुआ। टैरिफ के कारण पैदा हुई चिंताओं के कारण बाजार में बड़ा उतार-चढ़ाव देखने को मिला। हफ्ते के दौरान निफ्टी ने 21,743 का न्यूनतम स्तर छुआ। हालांकि, बाद में इसमें मजबूत रिकवरी देखने को मिली।

सेक्टोरल इंडेक्स में एफएमसीजी का प्रदर्शन सबसे अच्छा रहा। वहीं, रियल्टी सेक्टर में सबसे अधिक गिरावट हुई।

विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की ओर से बिकवाली का सिलसिला जारी रहा और कैश सेगमेंट में 20,911 करोड़ रुपये की बिकवाली की गई। वहीं, घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) की ओर से 21,955 करोड़ रुपये का निवेश किया गया।

बजाज ब्रोकिंग रिसर्च का कहना है कि यह हफ्ता वैश्विक बाजारों के लिए महत्वपूर्ण होने वाला है। दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में महंगाई, इंडस्ट्रियल एटिविटीज और रोजगार के आंकड़ों के साथ, निवेशक बढ़ती अस्थिरता और केंद्रीय बैंक के संकेतों पर अधिक ध्यान केंद्रित कर सकते हैं।

मास्टर ट्रस्ट ग्रुप के डायरेक्टर पुनीत सिंघानिया ने कहा कि हफ्ते की शुरुआत में 5 प्रतिशत के गैप-डाउन से खुलने के बाद भी निफ्टी 0.33 प्रतिशत की कमजोरी के साथ बंद हुआ है। निफ्टी के लिए 22,500 और 22,200 एक सबसे अहम सपोर्ट है। वहीं, 23,050 एक रुकावट का स्तर है।


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