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मार्केट आउटलुक: भारत-पाक तनाव, महंगाई और आर्थिक आंकड़ों से अगले हफ्ते तय होगा बाजार का रुझान

भारतीय शेयर बाजार के लिए अगला हफ्ता काफी अहम होने वाला है। महंगाई, निर्यात डेटा, तिमाही नतीजे के साथ भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव को लेकर अपडेट का शेयर बाजार पर असर देखने को मिल सकता है

मार्केट आउटलुक: भारत-पाक तनाव, महंगाई और आर्थिक आंकड़ों से अगले हफ्ते तय होगा बाजार का रुझान
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मुंबई। भारतीय शेयर बाजार के लिए अगला हफ्ता काफी अहम होने वाला है। महंगाई, निर्यात डेटा, तिमाही नतीजे के साथ भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव को लेकर अपडेट का शेयर बाजार पर असर देखने को मिल सकता है।

अगले हफ्ते एसएमसी ग्लोबल, बजाज इलेक्ट्रिकल्स, जेएम फाइनेंशियल, रेमंड, टाटा स्टील, यूपीएल, एबी कैपिटल, भारती एयरटेल, सिप्ला, हीरो मोटोकॉर्प, टाटा मोटर्स, एचएएल, टाटा पावर, जेएसडब्ल्यू एनर्जी जैसी कंपनियों द्वारा वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही के नतीजे जारी किए जाएंगे।

बजाज ब्रोकिंग रिसर्च का कहना है कि घरेलू स्तर पर सरकार की ओर से 13 मई को खुदरा महंगाई के आंकड़े जारी किए जाएंगे। इससे देश में वस्तुओं की कीमतों को लेकर ट्रेड के बारे में जानकारी मिलेगी। इसके अलावा 15 मई को निर्यात का डेटा जारी किया जाएगा, जिससे देश के विदेशी व्यापार की स्थिति की सही जानकारी प्राप्त होगी।

ब्रोकिंग फर्म ने आगे कहा कि वैश्विक स्तर पर 13 मई को अमेरिका में महंगाई के आंकड़े जारी किए जाएंगे। इसके अलावा 15 मई को यूएस जॉबलेस क्लेम और चीन में मनी सप्लाई एम2 जैसे अहम आंकड़े जारी किए जाएंगे, जिनका बाजार पर असर देखने को मिल सकता है।

बीते हफ्ते भारतीय शेयर बाजार का प्रदर्शन कमजोर रहा। भारत-पाकिस्तान तनाव के कारण सेंसेक्स 1,047 अंक गिरकर 79,454 और निफ्टी 338 अंक गिराकर 24,008 पर बंद हुआ।

इस दौरान रियल एस्टेट और सरकारी बैंकों में सबसे अधिक गिरावट देखी गई है और पीएसयू बैंक एवं रियल एस्टेट इंडेक्स क्रमश: 6.5 प्रतिशत एवं 4.5 प्रतिशत तक फिसल गया।

5 मई से लेकर 9 मई तक के कारोबारी सत्र में विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) ने कैश सेगमेंट में 5,087 करोड़ रुपए की खरीदारी की और घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने 10,450 करोड़ रुपए का निवेश कैश सेगमेंट में किया।

मास्टर ट्रस्ट ग्रुप के डायरेक्टर पुनीत सिंघानिया का कहना है कि भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के कारण आने वाले हफ्ते में निवेशकों के सेंटीमेंट पर असर पड़ने की संभावना है, जिससे भारतीय शेयर बाजारों में सतर्कता का माहौल बन सकता है। सीमा पर किसी भी तरह की तनातनी या मजबूत कूटनीतिक घटनाक्रम से अनिश्चितता पैदा हो सकती है।

उन्होंने आगे कहा कि भू-राजनीतिक और कॉर्पोरेट दोनों मोर्चों पर आगे की घटनाएं बाजार की दिशा निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।


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