पक्षी विहार मामले में कई अफसर आएंगे कार्रवाई के घेरे में
ट्रांस हिंडन में पक्षी विहार की जमीन में मामले दोषियों पर कार्रवाई की तैयारी शुरू हो गई है
गाजियाबाद। ट्रांस हिंडन में पक्षी विहार की जमीन में मामले दोषियों पर कार्रवाई की तैयारी शुरू हो गई है। पक्षी विहार की जमीन पर कॉलोनी बसा दी गई। कुछ जमीन बिल्डरों से बदल दी गई। शासन ने डीएम को रिपोर्ट भेजी है। रिपोर्ट में दोषियों पर कार्रवाई करने के लिए कहा गया है।
इस मामले में कई अधिकारी कार्रवाई की जद में आएंगे। ट्रांस हिंडन क्षेत्र में रेलवे लाइन के किनारे पक्षी विहार की 77 बीघा जमीन है। अधिकारियों के मुताबिक, पहले यह जमीन झील-बंजर में दर्ज थी, लेकिन 1994-95 में इसे पक्षी विहार में दर्ज कर दिया जो आज भी दर्ज है। लेकिन आवास विकास परिषद ने इसके कुछ हिस्से ही जमीन पर वसुंधरा कॉलोनी बसा दी।
साथ ही कुछ जमीन मोहन मीकिंस से अदला-बदली कर ली। बाद में मोहन मीकिंस ने यह जमीन गौर संस को दे दी। इस मामले को लेकर टीएचए के सुलेमान डबास ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और पक्षी विहार को बचाने की अपील की। इसके शासन-प्रशासन हरकत में आ गया। दोषियों पर शिकंजा कसने की तैयारी शासन ने जिलाधिकारी को पत्र भेजकर इस मामले में कार्रवाई करने के लिए कहा है। वन विभाग ने यहां पक्षी विहार की स्थापना नहीं करने की सिफारिश और तत्कालीन जिलाधिकारी द्वारा जारी अधिूसचना के रद्द करने की कार्रवाई राजस्व विभाग को करने के लिए कहा है।
झील की जमीन पर झील का स्वरूप बनाने की जिम्मेदारी आवास विकास परिषद की रहेगी। पक्षी विहार की जमीन को बिल्डर को दिए जाने की जांच करने के लिए समिति बना दी है। इसमें आवास एवं शहरी नियोजन विभाग के विशेष सचिव, विशेष सचिव राजस्व विभाग, अपर आवास आयुक्त व उप्र आवास एवं विकास परिषद के सचिव को शामिल किया गया है। पक्षी विहार मामले में अदालत के आदेश और शासन के दिशा-निर्देशों का पालन किया जाएगा। जो भी दोषी होगा कार्रवाई की जाएगी।


