कई बिचौलियों के नाम का पीसी ने किया खुलासा
यमुना एक्सप्रेस-वे क्षेत्र में जमीन खरीद घोटालों में कई स्थानीय बिचौलिए दलालों ने भी मोटी कमाई की है

ग्रेटर नोएडा। यमुना एक्सप्रेस-वे क्षेत्र में जमीन खरीद घोटालों में कई स्थानीय बिचौलिए दलालों ने भी मोटी कमाई की है। कंपनी ने जब किसानों से औने पौने दामों में जमीन खरीदी तो उसमें कई बिचौलिये गवाह बने हुए है। गवाह बनने के लिए स्थानीय दलालों में भी अधिकारियों से मोटी कमाई की।
मथुरा जमीन खरीद घोटाले में गिरफ्तार पूर्व आईएएस अधिकारी पीसी गुप्ता ने पुलिस पूछताछ के दौरान खुलासा किया है कि स्थानीय बिचौलियों ने जमीन खरीद में भी अहम भूमिका निभाई है। इन बिचौलियों ने किसानों को भ्रमित कर दस्ते दर पर जमीन बचने के लिए राजी किया। इसके बाद बचौलियों ने बकायदा कमीशन भी खाया है।
पीसी गुप्ता जब यमुना एक्सप्रेस-वे प्राधिकरण में सीईओ पद पर तैनात थे ऐसे स्थानीय बिचौलियों का तांता लगा रहता था। पुलिस ने पीसी गुप्ता के बयान पर उन बिचौलियों की सूची भी तैयार कर रही है। उनसे भी पूछताछ करने के लिए पुलिस बिचौलियों को कभी तलब कर सकती है।
रिमांड के दौरान पूछताछ पर पीसी गुप्ता ने पुलिस के सामने खुलासा कर दिया है कि जमीन खरीद का उसी मास्टर माइंड तत्कालीन तहसीलदार रणवीर सिंह था। वह पिछले 15 सालों से नोएडा, ग्रेटर नोएडा व यमुना एक्सप्रेस-वे में तैनात रहा। उसे जमीन के बारे में पूरी जानकारी उसके अंगुलियों पर थी।
रणवीर सिंह का लंबे अर्से से तैनाती के कारण उसका संबंध स्थानीय लोगों से था। उसी जमीन खरीदने क लिए कुछ बिचौलियों का इस्तेमाल किया और उनसे किसानों को सीधे जमीन विभिन्न कंपनियों के नाम बेचने के लिए तैयार किया। बिचौलियों के भ्रम जाल में आकर किसान जमीन बेचने के लिए तैयार हो गए।
जिस पर तहसीलदार रणवीर सिंह ने कहां-कहां पर जमीन खरीदी जा सकती है उसकी पूरी सूची तैयार की। इसके बाद प्रस्ताव तैयार कर प्राधिकरण अधिकारियों ने उन जमीनों को खरीदना शुरू कर दिया, जिन जमीनों का कुछ दिन पहले बैनामा विभिन्न कंपनियों के नाम हो चुका है। किसानों से कंपनियों ने जमीन की रजिस्ट्री कराते हुए बिचौलियों को ही गवाह बनाया।
गवाह बनने के बदले बिचौलियों ने बकायदा कमीशन लिया। बिचौलियों ने प्राधिकरण अधिकारियों की कमजोरी पकड़ने के बाद किसानों को जमीन अधिग्रहण के बदले सात फीसदी आबादी का भूखंड बेहतर लोकेशन लगाने के लिए ठेका लेना शुरू कर दिया। बिचौलियो के दबाव में आकर अधिकारियों ने सात फीसदी आबादी का भूखंड बेहतर लोकेशन में लगा दिया। बिचौलियों ने इसके लिए किसानों भी कमीशन खाया।
पुलिस की नजर ऐसे बिचौलियों पर जिन्होंने विभिन्न माध्यमों से जमीन खरीद के गवाह बनने व सात फीसदी भूखंड लगवाने के नाम पर कमीशन खाया। पुलिस ऐसे बिचौलियों की सूची तैयार कर उनसे पूछताछ करने की तैयारी कर रही है।


