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मप्र में विशेष पिछड़ी जनजातीय क्षेत्रों के विकास के लिए कई फैसले

मध्य प्रदेश की सरकार ने राज्य के विशेष पिछड़ी जनजातीय क्षेत्रों के विकास के लिए कई बड़े फैसले लिए हैं

मप्र में विशेष पिछड़ी जनजातीय क्षेत्रों के विकास के लिए कई फैसले
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भोपाल। मध्य प्रदेश की सरकार ने राज्य के विशेष पिछड़ी जनजातीय क्षेत्रों के विकास के लिए कई बड़े फैसले लिए हैं। आधिकारिक जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद की बैठक मंत्रालय में हुई।

मंत्रि-परिषद द्वारा विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों के सामाजिक और आर्थिक कल्याण के लिए शुरू की गई प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महाअभियान (पीएम-जनमन) के तहत प्रदेश में विभिन्न विकास कार्यों के क्रियान्वयन की स्वीकृति दी। मंत्रि-परिषद द्वारा प्रदेश में विशेष पिछड़ी जनजातीय क्षेत्रों के 23 जिलों में नए आंगनवाड़ी केन्द्रों, छात्रावासों, बहुउद्देश्यीय केंद्रों, सड़कों और आवास निर्माण की स्वीकृति दी गई।

मंत्रि-परिषद द्वारा ‘सक्षम आंगनवाड़ी एवं पोषण 2.0‘ योजना अंतर्गत विशेष जनजाति क्षेत्रों में पीएम-जनमन कार्यक्रम हेतु 194 नवीन आंगनवाड़ी केन्द्रों की स्थापना एवं संचालन हेतु स्वीकृति दी गई है। भवनों का निर्माण जनजातीय परिवेश आधारित डिजाइन अनुसार ग्राम पंचायत द्वारा किया जावेगा। विशेष पिछड़ी जनजाति क्षेत्रों के ऐसे मजरे टोले जिनकी जनसंख्या 100 या अधिक है और जहां आंगनवाड़ी केन्द्र नहीं हैं, वहां नए केन्द्र खोले जाएगे।

मंत्रि-परिषद द्वारा प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान (पीएम-जनमन) योजना में स्कूल शिक्षा विभाग के अंतर्गत विशेष पिछड़ी जनजाति क्षेत्रों के बाहुल्य बसाहटों में निवासरत परिवार के बच्चों के लिए गुणवत्तायुक्त शिक्षा सुविधा के साथ समग्र विकास के लिए 20 जिलों की 55 स्थानों पर 110 बसाहटों के निकट बालक और बालिकाओं के लिए पृथक-पृथक छात्रावास निर्माण किए जाने का निर्णय लिया है।

इस कार्य के लिए कुल 384 करोड़ 6 लाख रूपये की स्वीकृति दी गई है। मंत्रि-परिषद द्वारा वित्तीय वर्ष 2023-24 से पीएम-जनमन अन्तर्गत प्रदेश के विशेष पिछड़ी जनजाति बाहुल्य जिलों में 60 लाख रूपये प्रति केन्द्र की लागत वाले बहुउद्देशीय केन्द्र के निर्माण करने के लिए सैद्धांतिक अनुमोदन प्रदान किया गया। विशेष पिछड़ी जनजाति क्षेत्रों में अलग-अलग 11 गतिविधियों के लिए मध्यप्रदेश में 125 बहुउदेशीय केन्द्रों के निर्माण की स्वीकृति भारत सरकार ने दी है।


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