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मनसुख मांडविया ने राष्ट्रीय डोप परीक्षण प्रयोगशाला में एथलीट पासपोर्ट प्रबंधन इकाई का उद्घाटन किया

केंद्रीय युवा मामले एवं खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने गुरूवार को नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय डोप परीक्षण प्रयोगशाला (एनडीटीएल) में एथलीट पासपोर्ट प्रबंधन इकाई (एपीएमयू) का उद्घाटन किया। यह पहल राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों मंचों पर स्वच्छ और पारदर्शी खेल प्रथाओं को बढ़ावा देने के लिए भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि करती है

मनसुख मांडविया ने राष्ट्रीय डोप परीक्षण प्रयोगशाला में एथलीट पासपोर्ट प्रबंधन इकाई का उद्घाटन किया
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नई दिल्ली। केंद्रीय युवा मामले एवं खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने गुरूवार को नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय डोप परीक्षण प्रयोगशाला (एनडीटीएल) में एथलीट पासपोर्ट प्रबंधन इकाई (एपीएमयू) का उद्घाटन किया। यह पहल राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों मंचों पर स्वच्छ और पारदर्शी खेल प्रथाओं को बढ़ावा देने के लिए भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि करती है।

इस अवसर पर डॉ. मांडविया ने कहा, “एपीएमयू डोपिंग के खिलाफ भारत की लड़ाई में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जो एथलीट बायोलॉजिकल पासपोर्ट (ए.बी.पी.) प्रणाली के माध्यम से एथलीट बायोलॉजिकल प्रोफाइल की अनुदैर्ध्य ट्रैकिंग को सक्षम बनाता है। यह अभिनव तंत्र डोपिंग पैटर्न का पता लगाने और अनैतिक प्रथाओं की पहचान करके खेलों की निष्पक्षता की रक्षा करने में मदद करेगा।”

एपीएमयू को ग्लोबल साउथ के लिए समर्थन का एक प्रकाश स्तंभ बताते हुए, केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह हमारे पड़ोसी देशों की मदद करेगा, जिनके पास समान प्रणाली स्थापित करने के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं हैं। उन्होंने कहा, “ज्ञान और उपकरणों को साझा करके, भारत इन देशों को अपने खेलों को अनुचित प्रथाओं से मुक्त रखने में सहायता कर सकता है। इस तरह की पहल एकजुटता की भावना को रेखांकित करती है और ग्लोबल साउथ में खेल अखंडता को मजबूत करने में योगदान देती है।”

डॉ. मांडविया ने क्षेत्रीय सहयोग की क्षमता पर जोर दिया, एपीएमयू के माध्यम से विशेषज्ञता और संसाधनों को साझा करके पड़ोसी देशों को समर्थन बढ़ाने के लिए भारत की तत्परता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि डोपिंग पर प्रारंभिक शिक्षा के लिए खेल महासंघों, संगठनों, विश्वविद्यालयों और संस्थानों की अधिक भागीदारी और ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता अभियान शुरू करने की आवश्यकता है। इसके अलावा, उन्होंने उल्लेख किया कि प्रयोगशालाओं में काम करने वाले वैज्ञानिक विभिन्न स्कूलों/विश्वविद्यालयों के छात्रों को डोपिंग के बारे में संवेदनशील बनाने के लिए एंटी-डोपिंग विज्ञान के बारे में शिक्षा दे सकते हैं।

एनडीटीएल के एपीएमयू को विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (वाडा) के दिशा-निर्देशों के अनुरूप बनाया गया है, जो वैश्विक स्तर पर एंटी-डोपिंग कार्यक्रम को मजबूत करेगा। समय के साथ रक्त और स्टेरॉयड प्रोफाइल जैसे मापदंडों पर नजर रखने से, यह इकाई स्वच्छ एथलीटों की विश्वसनीयता की रक्षा करेगी और खेलों में समान अवसर सुनिश्चित करेगी।

विशेष रूप से, यह दुनिया की 17वीं एथलीट पासपोर्ट प्रबंधन इकाई है जो भारत में स्थापित की गई है। यह एथलीटों के जैविक पासपोर्ट की निगरानी और प्रबंधन के लिए जिम्मेदार एक विशेष निकाय के रूप में काम करेगी।

भारत अंतरराष्ट्रीय खेल मंच पर लगातार आगे बढ़ रहा है, एथलीट पासपोर्ट प्रबंधन इकाई खेलों में निष्पक्ष खेल, ईमानदारी बनाए रखने के लिए देश की दृढ़ प्रतिबद्धता को उजागर करती है और दुनिया भर में नैतिक खेल प्रथाओं के लिए एक बेंचमार्क भी स्थापित करती है।

इस कार्यक्रम में श्रीमती सुजाता चतुर्वेदी, सचिव (खेल), श्री कुणाल, संयुक्त सचिव (खेल), युवा मामले और खेल मंत्रालय के अन्य अधिकारी शामिल हुए, जिनमें प्रख्यात-वैज्ञानिक और प्रो. (डॉ.) पी. एल. साहू, निदेशक और सीईओ (आई/सी), एनडीटीएल शामिल थे।


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