मनरेगा रोजगार सहायकों ने की कलेक्टर दर पर मानदेय देने की मांग
महात्मा गॉधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत् सबसे महत्वपूर्ण कार्य करने वाले ग्राम रोजगार सहायकों ने कलेक्टर दर पर मानदेय देने की मॉग शासन से की है

खरोरा। महात्मा गॉधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत् सबसे महत्वपूर्ण कार्य करने वाले ग्राम रोजगार सहायकों ने कलेक्टर दर पर मानदेय देने की मॉग शासन से की है ।
केन्द्र शासन व राज्य सरकार की सबसे बड़े व सबसे महत्वपूर्ण योजना मनरेगा है जो कि प्रत्येक पंजीकृत ग्रामीण परिवार को रोजगार के साथ साथ , पलायन, भूखमरी,गरीबी को दूर करने वाले मनरेगा योजना का संचालन करते है। यह योजना पूरे भारत मे लागू है,अलग अलग राज्यों मे भिन्न भिन्न मानदेय लागू है।
छ.ग.मे ग्राम रोजगार सहायकों की मानदेय सभी प्रदेशों से सबसे कम है। यहॉ पर पॉच वर्ष से अधिक को 6000 रुपये व पॉच वर्ष वालों को 5000 रुपये मानदेय है । केन्द्र सरकार की दो प्रमुख योजना मनरेगा व ऑगनबाड़ी केन्द्र है ,मानदेय व सहायक सचिव बनाने को लेकर ग्राम रोजगार सहायकों ने विगत दिनों लगभग 45 दिनों तक अनिश्चित कालीन हड़ताल करके छ.ग.शासन से मॉग रखी जिसके बदले मे 1375 रुपये वृद्धि की। वहीं प्रदेश के ऑगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं ने पूरे 50 दिन हड़ताल करके 10000 रुपये मानदेय छ.ग.शासन ने दिए तथा साथ ही सुपरवाईजर बनने के लिए उम्र बंधन समाप्त कर दिये।
जब कि ऑगनबाड़ी व मनरेगा दोनों योजना केन्द्र व राज्य सरकार की है व दोनों ने ही लम्बे समय तक अनिश्चित कालीन हड़ताल किये लेकिन एक हड़ताली ग्राम रोजगार सहायकों को लालीपॉप दिये व दूसरी हड़ताली ऑगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को कलेक्टर दर पर मानदेय देने की घोषणा छ.ग. सरकार ने की है 7यह मानदेय प्रदेश के सभी मनरेगा ग्राम रोजगार सहायकों के साथ भेदभाव व मानदेय विसंगति है।
तथा जमीनी स्तर पर हर समय कार्य करने वाले ग्राम रोजगार सहायकों के दिवंगत होने पर कुछ नहीं है,लेकिन ऑगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं की दिवंगत होने पर 50000 हजार रुपये की सहयोग राशि उनके परिजनों को देय होगा ।


