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मनोरंजन कालिया ने जाखड़ से पूछे कई सवाल

पूर्व मंत्री एवं वरिष्ठ भाजपा नेता मनोरंजन कालिया ने आज गुरदासपुर लोकसभा सीट के उपचुनाव के कांग्रेस प्रत्याशी सुनील जाखड़ से पांच सवाल पूछे

मनोरंजन कालिया ने जाखड़ से पूछे कई सवाल
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पठानकोट। पूर्व मंत्री एवं वरिष्ठ भाजपा नेता मनोरंजन कालिया ने आज गुरदासपुर लोकसभा सीट के उपचुनाव के कांग्रेस प्रत्याशी सुनील जाखड़ से पांच सवाल पूछे।

श्री कालिया ने कहा कि श्री जाखड़ चुनावी सभाओं में क्षेत्र का विकास करवाने के बड़े-बड़े दावे कर रहे हैं, लेकिन पिछले 45 वर्षों से जाखड़ परिवार सत्ता के शीर्ष पदों पर रहा है और इसके बावजूद उनके गृह क्षेत्र अबोहर के निवासी अभी तक स्वच्छ पेयजल को ही तरस रहे हैं।

अभी तक वह एक सरकारी कॉलेज की स्थापना ही नहीं करवा पाए। रोजगार के लिए उद्याेगों की स्थापना तो दूर, पहले से स्थापित दो बड़े उद्योग इस बीच बंद हो गए। अबोहर के लोग अभी भी मूलभूत सुविधाओं को तरस रहे हैं।

श्री कालिया ने रेत एवं बजरी के बढ़ते दामों पर चर्चा करते हुए कहा कि श्री जाखड़ पिछली विधानसभा में जब विपक्ष के नेता थे, तब वह रेत के दामों को लेकर विधानसभा में शोरगुल करने का कोई मौका नहीं छोड़ते थे अब जबकि रेत और बजरी के दाम इतने बढ़ गए हैं और वे आम आदमी के पहुंच से बाहर हो गए हैं, तब वह चुप क्यों हूं।

श्री कालिया ने कांग्रेस सरकार के एक मंत्री और 11 विधायकों के रिश्तेदारों की रेत खनन के मामले में संलिप्तता के बारे में श्री जाखड़ के चुप्पी साधने पर भी सवाल उठाए।

श्री कालिया ने हाल ही में जारी हक कमेटी रिपोर्ट पर भी सवालिया निशान लगाते हुए श्री जाखड़ से पूछा कि क्या वह इस रिपोर्ट से सहमत हैं, जिसमें बिजली सब्सिडी को हटाने की सिफारिश की गयी है, विशेषकर उन किसानों की जिनके पास 10 एकड़ से ज्यादा भूमि है।

श्री कालिया ने सवाल किया कि क्या सरकार का यह पिछले दरवाजे से किसानों पर बिजली बिल थोपने का हमला तो नहीं है।

श्री कालिया ने कहा कि पिछली अकाली-भाजपा सरकार ने किसानों के बिजली बिल भी माफ किए जबकि वर्तमान सरकार एक तरफ किसानों को कर्जा माफ करने का लालीपाप दे रही है और दूसरी तरफ किसानों पर बिजली के बिल के रूप में आर्थिक बोझ डालने का कार्य कर रही है।

श्री कालिया ने कांग्रेस सरकार से किसानों के कर्जे माफ करने की अधिसूचना जारी करने बारे भी सवाल उठाये।
उन्होंने कहा कि अब जब गुरदासपुर संसदीय क्षेत्र में उपचुनाव होने जा रहा है, तो ऐसे समय में सरकार द्वारा इस प्रकार की घोषणा करना क्या चुनावी आचार संहिता का उल्लंघन नहीं है।


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