स्वामी विवेकानंद के विचार आज भी प्रासंगिक: खट्टर
हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा है कि स्वामी विवेकानंद की शिक्षाएं और आदर्श आज भी प्रासंगिक हैं और युवाओं को उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए

रेवाड़ी। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा है कि स्वामी विवेकानंद की शिक्षाएं और आदर्श आज भी प्रासंगिक हैं और युवाओं को उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए।
LIVE : Flagging off the Rewari Marathon at the #RunForYouth event today. https://t.co/GxaeTto9Bh
— Manohar Lal (@mlkhattar) January 12, 2020
खट्टर ने रविवार सुबह यहां आईओसी चौक पर ‘रन फार यूथ’ मैराथन को हरी झंडी दिखाकर रवाना करने से पहले हजारों युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि स्वामी ने सैंकड़ों वर्ष पहले एक मूल मंत्र दिया था“ उठेा जागो और तब तक नहीं रूको जब तक लक्ष्य की प्राप्ति नहीं हो जाए” और इसी को ध्यान में रखते हुए युवकों को अपने लक्ष्यों की प्राप्ति में जुट जाना चाहिए।
LIVE : Interacting with Students on 'National Youth Day' at KLP College, Rewari today. https://t.co/6FW6C9MfUN
— Manohar Lal (@mlkhattar) January 12, 2020
उन्होंने कहा कि उन्हें कहा कि इतनी ठंड के बावजूद युवाओं और बच्चों का इस मैराथन में हिस्सा लेने के लिए यहां एकत्र होना उनकी ऊर्जा का परिचय देता है।
यह मैराथन दौड़ पांच और 10 किलोमीटर लंबी थी। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के साथ प्रदेश के सहकारिता मंत्री बनवारी लाल सहित प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद रहे और पांच से 10 किलोमीटर की इस दौड़ में मुख्यमंत्री ने भी दौड़ लगाई।
इसके बाद उन्होंने केएलपी कालेज में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए युवाओं से संवाद किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि मौजूदा सरकार राज्य में नशे का कारोबार बंद करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। इसके लिए समय-समय पर सरकार द्वारा इस तरह के आयोजन किए जा रहे हैं तथा प्रदेश की जनता को जागरूक भी किया जा रहा है। सामाजिक बुराइयों को दूर करने के लिए ऐसे कार्यक्रमों की सख्त जरूरत है।
उन्होंने कहा कि पूरे देश में करीब 50 करोड़ युवा है और युवा शक्ति ही इस देश को आगे बढ़ा सकती हैं। इसी बात को ध्यान में रखते हुए सरकार द्वारा समय-समय पर मैराथन जैसे कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। उन्हें इस बात की खुशी है कि पूरे हरियाणा भर से करीब चार लाख युवा पूरे समर्पण भाव के साथ जोश और हौंसला दिखाते हुए एक साथ दौड़े। रेवाड़ी में भी बड़ी संख्या में बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी ने मैराथन में दौड़ लगाई और महिलाएं भी पीछे नहीं रहीं।


