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क्या आरक्षण कार्ड से खत्म होगी बेरोजगारी ?,हरियाणा में मिलेंगी 75 फीसदी प्राइवेट नौकरियां

देश में इस वक्त बेरोजगारी सबसे बड़ा मुद्दा है. जिस पर केंद्र से लेकर सभी राज्य सरकारें घिरी हुई हैं, इसीलिए वो आरक्षण का कार्ड खेल रही है. जहां उद्धव सरकार की राह पर चलते हुए पहले शिवराज सिंह ने स्थानीय लोगों को नौकरी का लॉलीपॉप दिया

क्या आरक्षण कार्ड से खत्म होगी बेरोजगारी ?,हरियाणा में मिलेंगी 75 फीसदी प्राइवेट नौकरियां
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देश में इस वक्त बेरोजगारी सबसे बड़ा मुद्दा है. जिस पर केंद्र से लेकर सभी राज्य सरकारें घिरी हुई हैं, इसीलिए वो आरक्षण का कार्ड खेल रही है. जहां उद्धव सरकार की राह पर चलते हुए पहले शिवराज सिंह ने स्थानीय लोगों को नौकरी का लॉलीपॉप दिया, तो वहीं अब हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर भी इसी राह पर चल पड़े हैं. तो और किन राज्यों ने अपनाया आरक्षण कार्ड .महामारी के दौर की वजह से देश में बेरोजगारों की कतार लग गई है, जहां देखो, जिधर देखो वहीं लोग काम की तलाश कर रहे हैं. अलग-अलग राज्यों की खाक छान रहे हैं. लेकिन मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश और राजस्थान में जाने का उन्हें ज्यादा फायदा नहीं मिलेगा. और अब हरियाणा भी इसी कतार में शामिल होने जा रहा है. मनोहर लाल खट्टर भी अपने नागरिकों को लुभाने के लिए आरक्षण कार्ड चलने का प्लान तैयार कर रहे हैं. जानकारी के मुताबिक खट्टर सरकार प्राइवेट नौकरियों में स्थानीय नागरिकों के लिए 75 फीसदी आरक्षण का प्रावधान करने की तैयारी में है. सरकार इसके लिए विधानसभा में बिल लाएगी. इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. खट्टर सरकार अगर इस बिल पर मुहर लगवाने में कामयाब हो जाती है, तो हरियाणा भी मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों की तरह बन जाएगा. क्योंकि यहां की सरकारों ने स्थानीय कार्ड खेलते हुए अपने नागरिकों को आरक्षण देने का ऐलान किया है. हाल ही में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यह ऐलान किया था कि अब राज्य सरकार की सरकारी नौकरियां केवल राज्य के नागरिकों को ही मिलेंगी. उन्होंने कहा था कि इसके लिए सरकार जल्द ही कानून में जरूरी बदलाव करेगी…आपको बता दें कि सबसे पहले आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने सूबे में लगने वाली किसी भी फैक्ट्री या उद्यम में स्थानीय नागरिकों के लिए 75 फीसदी आरक्षण का प्रावधान किया था. जगन सरकार ने इसके लिए कानून में जरूरी बदलाव कर उसे कानूनी जामा भी पहना दिया था. आंध्र प्रदेश नौकरियों में आरक्षण का प्रावधान करने वाला देश का पहला राज्य बन गया था…वहीं राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने भी पिछले साल प्राइवेट नौकरियों में स्थानीय नागरिकों के लिए आरक्षण की घोषणा की थी. …राज्य सरकारों के इस फैसले से साफ है कि वो नागरिकों को रिझाने के लिए आरक्षण कार्ड खेल रही है. लेकिन सवाल उठता है कि सबको सामान्य हक क्यों नहीं, क्या दूसरे राज्यों के लोग यूहीं रोजगार को तरसते रहेंगे

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