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'मन की बात' शुद्ध गैर राजनीतिक, सांस्कृतिक संवाद कार्यक्रम : रविशंकर

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने लोगों के मनपसंद रेडियो कार्यक्रम प्रधानमंत्री के 'मन की बात' को शुद्ध गैर राजनीतिक, सांस्कृतिक संवाद कार्यक्रम बताते हुए कहा कि किसी भी देश के नेता का जनता के चर्चा, संवाद करने का ऐसा कोई और उदाहरण नहीं है

मन की बात शुद्ध गैर राजनीतिक, सांस्कृतिक संवाद कार्यक्रम : रविशंकर
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पटना। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने लोगों के मनपसंद रेडियो कार्यक्रम प्रधानमंत्री के 'मन की बात' को शुद्ध गैर राजनीतिक, सांस्कृतिक संवाद कार्यक्रम बताते हुए कहा कि किसी भी देश के नेता का जनता के चर्चा, संवाद करने का ऐसा कोई और उदाहरण नहीं है। उन्होंने कहा कि 2014 से प्रारंभ यह कार्यक्रम अनवरत चल रहा है।

पटना में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि प्रत्येक महीने के अंतिम रविवार को प्रसारित होने वाला मन की बात कार्यक्रम का 100 वां संस्करण देश में करीब 4 लाख स्थानों पर सुना जाएगा।

पटना साहिब के सांसद ने बताया कि उनके लोकसभा क्षेत्र में इस कार्यक्रम को सुनने के लिए 620 स्थानों पर व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने कल के दिन को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि यह कार्यक्रम 52 भाषाओं में प्रसारित किया जाता है, जिसमें दुनिया की 11 भाषाएं भी शामिल हैं।

प्रसाद ने आगे कहा कि इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री राजनीति का 'र' और पालिटिक्स के 'पी' की भी चर्चा नहीं करते बल्कि इस कार्यक्रम में राष्ट्र निर्मण, चरित्र निर्माण, देश के संस्कार, संस्कृति, पर्यावरण की चर्चा की जाती है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री इस कार्यक्रम के जरिए शुद्ध गैर राजनीतिक सांस्कृतिक संवाद करते हैं।

उन्होंने इस कार्यक्रम के असर की चर्चा करते हुए बताया कि हाल ही में इंडियन इंस्टीच्यूट ऑफ मैनेजमेंट, रोहतक के द्वारा इस कार्यक्रम का अध्ययन कराया गया, जिसमें यह बात खुलकर सामने आई कि इस कार्यक्रम को 100 करोड लोग कम से कम एक बार जरूर सुन चुके हैं। अध्ययन में यह भी बात सामने आई कि इस कार्यक्रम को 23 करोड लोगों ने नियमित रूप से देखा है, जबकि 96 प्रतिशत लोग इस कार्यक्रम से परिचित है।

प्रसाद ने कहा कि प्रधानमंत्री ने अपने मन की बात कार्यक्रम के जरिए एक प्रकार से पूरे देश के लोगों को जोडा है, उनकी भावनाओं, संस्कृति, संस्कार, उनकी उपलब्धि के साथ दुनिया में बैठे भारतीयों को जोड़ा है।

उन्होंने कहा कि रविवार को पटना महानगर क्षेत्र में 406 स्थानों पर मन की बात सुनी जाएगी।

पत्रकारों के पूर्व सांसद आनंद मोहन की जेल से रिहाई को लेकर पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि 23 अप्रैल को बिहार कारा हस्तक में 'काम में तैनात सरकारी सेवक की हत्या' को विलोपित किया गया है। उन्होंने नीतीश कुमार से सवाल करते हुए कहा कि आपकी सरकार ने यह लाया क्यों और फिर विलोपित क्यों किया।

उन्होंने कहा कि जब कोई भी कानून लाया जाता है या विलोपित किया जाता है, तो उसका कोई आधार होता है। सरकार बताए कि कानून लाया क्यों गया था।

उन्होंने कहा कि जी कृष्णया की हत्या नृशंस दुर्भाग्यपूर्ण हत्या है। उन्होंने कहा कि हम उनके परिवार की पीड़ा के साथ हैं।

उन्होंने सवाल किया कि क्या बिहार सरकार ने कभी कृष्णया जी के परिवारों को मदद की गई।


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