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मिशन शक्ति के लिए मनमोहन सरकार ने नहीं दी थी अनुमति: जेटली

मिशन शक्ति को कांग्रेस का पुराना कार्यक्रम बताये जाने पर भाजपा ने पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार ने 2012-13 में इसके लिए अनुमति एवं धन देने से इन्कार दिया था

मिशन शक्ति के लिए मनमोहन सरकार ने नहीं दी थी अनुमति: जेटली
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नयी दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अंतरिक्ष में दुश्मन के उपग्रह को मार गिराने की क्षमता हासिल करने वाले ‘मिशन शक्ति’ को कांग्रेस द्वारा पुराना कार्यक्रम बताये जाने पर पलटवार करते हुए आज कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार ने 2012-13 में इसके लिए अनुमति एवं धन देने से इन्कार कर दिया था।

भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं वित्त मंत्री अरुण जेटली, रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण एवं सूचना प्रसारण मंत्री कर्नल राज्यवर्द्धन सिंह राठौड़ ने यहां पार्टी मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा,

“आज हमारे देश के लिए एक ऐतिहासिक दिन है। यह हमारे वैज्ञानिकों के लिए भी अनूठा मौका है। उन्होंने वो क्षमता हासिल की है जो केवल तीन देशों -अमेरिका, रूस एवं चीन के पास ही है।”

श्री जेटली ने इसके लिए वैज्ञानिकों का बधाई दी और कहा कि बहुत समय पहले से हमारे वैज्ञानिकों की इच्छा रही थी कि भारत इस दिशा में आगे बढ़े। उनका कहना है कि हमारे पास क्षमता थी लेकिन सरकार हमें आगे बढ़ने की अनुमति नहीं देती थी।

उन्होंने 21 अप्रैल 2012 में एक अंग्रेजी अखबार में प्रकाशित एक रिपोर्ट का उल्लेख करते हुए कहा कि जब अग्नि-5 का परीक्षण हुआ था, उस समय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के प्रमुख डॉ. वी के सारस्वत ने कहा था कि उनके पास उपग्रहों को भेदने की क्षमता है लेकिन सरकार उन्हें इसके परीक्षण की दिशा में आगे बढ़ने की अनुमति नहीं दे रही है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2014 में सत्ता संभालने के बाद वैज्ञानिकों को इसकी अनुमति दी और आज यह संभव हो पाया। उन्होंने कहा कि मिशन शक्ति बहुत बड़ी उपलब्धि है और इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अभिनंदन के पात्र हैं।

इस क्षमता से अन्य देशों को भी इस क्षेत्र में शांति बनाये रखने के लिए बाध्य होना पड़ेगा। यह क्षमता युद्ध को टालने की ताकत के लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण है।

विपक्ष के कुछ नेताओं खासकर तृणमूल कांग्रेस की नेता ममता बनर्जी की आपत्तियों के बारे में तंज कसते हुए कहा, “वे जितना नीचे जाएंगे, हम उतना ही मज़बूत होंगे।”

उन्होंने कहा कि पुलवामा हमले एवं बालाकोट के मामले में ऐतिहासिक गलती करने वाले विपक्ष से अपेक्षा थी, वह ऐसी गलती दोबारा नहीं करेगा और वैज्ञानिकों के साथ खड़े होकर अपने राष्ट्रीय दायित्व को निभाएगा लेकिन बहुत खेद की बात है कि विपक्ष को राष्ट्रीय सुरक्षा की बुनियादी बातें तक पता नहीं है।

विपक्ष द्वारा इस बारे में चुनाव आयोग का दरवाज़ा खटखटाये जाने के संबंध में श्री जेटली ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा खासकर भारत का परमाणु कार्यक्रम एक सतत कार्यक्रम है। उसे इसलिए नहीं रोका जा सकता है कि कहीं चुनाव हैं या फिर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री या किसी अन्य नेता को पसंद नहीं है।

यह कार्यक्रम साल के 365 दिन चलता रहता है। उन्होंने विपक्ष से सवाल किया कि आखिर वह किस स्तर की राजनीति कर रहा है।

उन्होंने कहा कि जब हम राष्ट्रीय सुरक्षा एवं भूराजनीतिक स्थितियों की चर्चा कर रहे हैं, विपक्ष मिशन शक्ति को लेकर बाबुओं वाली आपत्तियां उठा रहा है। इससे याद आता है कि जब कोई उंगली से चांद की ओर इशारा करता है तब मूर्ख हमेशा उंगली की ओर इशारा करते हैं।

उन्होंने कहा कि इस प्रकार की ताकत के साथ भारत की केवल शक्ति ही नहीं बढ़ेगी बल्कि इस क्षेत्र में शांति रखने की हमारी क्षमता भी बढ़ेगी। हर तरह की लड़ाई के लिए हमें तैयारी करनी है और हमारी तैयारी ही हमारी सुरक्षा है। श्री जेटली ने कहा कि भारत का एकमात्र उद्देश्य विश्व शांति के साथ अपनी रक्षा करना है।

श्री जेटली ने कहा कि भारत के लिए यह उपलब्धि बेहद खास है क्योंकि यह मिशन पूरी तरह से भारतीय है। इसकी हर चीज का निर्माण एवं शोध देश में ही हुआ है। उन्होंने कहा कि पुराने युद्ध जैसे होते थे और जो भविष्य के जो युद्ध होंगे वो एकदम अलग होंगे। पारंपरिक सेना, वायुसेना के युद्ध के आगे साइबर और अब अंतरिक्ष युद्ध के आयाम जुड़ गये हैं। अब हमारी तैयारी ही हमारी सबसे बड़ी सुरक्षा है और इस लिहाज से आज की उपलब्धि काफी महत्वपूर्ण है।

उन्होंने कहा कि भारत एक शांतिप्रिय देश है और आज की उपलब्धि किसी भी देश के खिलाफ नहीं है। हमने किसी आक्रमण के लिए इसे विकसित नहीं किया है।

इसके माध्यम से हमारी क्षमता बढ़ी है। इस भूराजनीतिक परिस्थितियों में अपनी रक्षा करने की पूरी ताकत हमारे पास हो गयी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री देश की सुरक्षा को प्राथमिकता और ताकत दे रहे हैं, उस दिशा में यह मील का पत्थर है। इस क्षमता के साथ हमारी शक्ति ही नहीं बढ़ेगी बल्कि हमारी शांति को कायम रखने की क्षमता भी बढ़ेगी।


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