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मनमोहन सरकार में आर्थिक विकास दर सबसे अधिक: चिदंबरम

नीति आयोग द्वारा जारी आंकड़ों में उच्च विकास दर को लेकर भाजपा के दावे को 'फर्जी' बताते हुए पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम ने आज कहा कि संप्रग-1 के कार्यकाल के दौरान भारत की आर्थिक विकास दर सबसे अधिक

मनमोहन सरकार में आर्थिक विकास दर सबसे अधिक: चिदंबरम
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नई दिल्ली। नीति आयोग द्वारा जारी आंकड़ों में उच्च विकास दर को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दावे को 'फर्जी' बताते हुए पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम ने आज कहा कि संप्रग-1 (संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन) के कार्यकाल के दौरान भारत की आर्थिक विकास दर सबसे अधिक थी।

वित्तमंत्री अरुण जेटली ने एक दिन पहले ट्वीट किया था कि नरेंद्र मोदी सरकार ने देश की छवि को 'कमजोर पांच' से बदलकर 'वैश्विक अर्थव्यवस्था में उज्जवल स्थान' कर दिया है। इसके एक दिन बाद चिदंबरम ने कहा, "संप्रग-1 की अवधि(2004-09) में वास्तव में आजादी के बाद सबसे ज्यादा विकास दर थी और वास्तव में अबतक सबसे बेहतर थी।"

कांग्रेस नेता ने मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि वह संप्रग शासन की तुलना में राजग (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) के कार्यकाल के दौरान बेहतर प्रदर्शन दिखाने के लिए नीति आयोग का इस्तेमाल कर भारत की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) दर के पिछले आंकड़ों को संशोधित कर दिखा रही है।

चिदंबरम ने कहा, "राजग के तहत भाजपा की 'उच्चतम विकास दर' का दावा नीती आयोग द्वारा उत्पादित फर्जी संख्याओं पर आधारित है।"

उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, "उन नंबरों को प्रत्येक जानेमाने अर्थशास्त्री और सांख्यिकीविदों ने खारिज कर दिया है।"

नीति आयोग और केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) ने 28 नवंबर को जीडीपी के बैक-सीरीज अनुमान जारी किए, जिसमें 2005-06 और 2011-12 के बीच के संप्रग शासनकाल की वृद्धि दर को कम दिखाया गया था, जबकि पहले इसकी गणना दूसरे तरीके से की जाती थी।

हालांकि, राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग (एनएससी) द्वारा गठित रियल स्टेट स्टैटिस्टिक्स समिति द्वारा साल 2018 के अगस्त में जारी जीडीपी बैक सीरीज 2011 की रिपोर्ट में संप्रग शासन को सबसे तेज आर्थिक विकास दर का श्रेय दिया गया, जो भाजपा के लिए राजनीतिक रूप से सही नहीं था।

चिदंबरम ने कहा, "पहले प्रकाशित सीएसओ नंबर (आर्थिक प्रदर्शन पर) और रियल सेक्टर स्टैटिस्टिक्स पर बनी एनएससी समिति द्वारा अगस्त में जारी आंकड़े ही विश्वसनीय हैं।"


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