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मनमोहन, अमरिंदर ने आनंदपुर साहिब में मत्था टेका

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने रविवार को आनंदपुर साहिब कस्बे में स्थित तख्त केशगढ़ साहिब गुरुद्वारे में मत्था टेका

मनमोहन, अमरिंदर ने आनंदपुर साहिब में मत्था टेका
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चंडीगढ़। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने रविवार को आनंदपुर साहिब कस्बे में स्थित तख्त केशगढ़ साहिब गुरुद्वारे में मत्था टेका। रविवार को सिखों के 10वें और अंतिम गुरु, गुरु गोविंद सिंह की 350वीं जयंती समारोह का समापन हो गया।

इस गुरुद्वारे को सिख धर्म में अमृतसर के स्वर्ण मंदिर के बाद दूसरा सबसे पवित्र स्थान माना जाता है। गुरु गोविंद सिंह ने इसी स्थान पर 13 अप्रैल, 1699 को खालसा पंथ की घोषणा की थी।

मनमोहन सिंह ने यहां उपस्थित एक जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि गुरु गोविंद सिंह के जीवन और उनकी विचारधारा ने सद्भाव, धार्मिक सहिष्णुता, शांति और भाईचारे के मूल्यों को मजबूत करने का रास्ता दिखाया है।

देश के पहले सिख प्रधानमंत्री मनमोहन ने कहा, "गुरु गोविंद सिंह ने किसी धर्म के खिलाफ कभी भेदभाव नहीं किया, बल्कि सभी मानवों का सम्मान किया, चाहे वे किसी रंग, जाति और पंथ के हों।"

उन्होंने कहा, "गुरु गोविंद सिंह को सच्ची श्रद्धांजलि उनके रास्ते का अनुसरण करना और लिंग भेद को समाप्त करना होगी। सच्चे सिख के रूप में हमें महिला और पुरुष के बीच भेदभाव नहीं करना चाहिए और दोनों को शिक्षा के समान अवसर प्रदान करने चाहिए, ताकि वे समाज के आदर्श नागरिक बन सकें।"

इस मौके पर अमरिंदर सिंह ने आनंदपुर साहिब शहरी विकास प्राधिकरण के पुनरुद्धार की घोषणा की। उन्होंने आनंदपुर साहिब में गुरु गोविंद सिंह के नाम पर एक कौशल विश्वविद्यालय स्थापित करने की भी घोषणा की।

उन्होंने कहा कि श्री आनंदपुर साहिब शहरी विकास प्राधिकरण के पुनरुद्धार से इसकी बुनियादी अवसंरचना और सुविधाओं के उन्नयन का मार्ग प्रशस्त होगा।

अमरिंदर ने कहा, "कौशल विश्वविद्यालय के लिए सरकार ने पहले ही 100 एकड़ जमीन मंजूर कर दिए हैं। यह इस पवित्र स्थान के बच्चों को सशक्त बनाने और प्रतिस्पर्धी वैश्विक रोजगार बाजार में रोजगार पाने लायक बनाने में मददगार होगा।"


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