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'धन्यवाद' और 'नसीहत' से मांझी राजग में फंसा रहे सियासी पेंच!

कोरोना संक्रमण काल में बिहार सरकार जहां संक्रमण की रफ्तार कम करने में जुटी है, वहीं सरकार में शामिल हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के प्रमुख जीतन राम मांझी सरकार को नसीहत दे रहे

धन्यवाद और नसीहत से मांझी राजग में फंसा रहे सियासी पेंच!
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पटना। कोरोना संक्रमण काल में बिहार सरकार जहां संक्रमण की रफ्तार कम करने में जुटी है, वहीं सरकार में शामिल हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के प्रमुख जीतन राम मांझी सरकार को नसीहत दे रहे हैं। उन्होंने कोरोना संक्रमण पर लगाम लगाने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को धन्यवाद भी दिया। इस बीच, हम के अध्यक्ष मांझी और सहयोगी पार्टी विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के अध्यक्ष तथा बिहार सरकार में मंत्री मुकेश सहनी की मुलाकात भी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबधन (राजग) को परेशानी में डाल सकती है।

मांझी और सहनी ने एक तरफ कोरोना काल में पंचायत चुनाव नहीं करा कर वर्तमान पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल छह महीने बढ़ाने की मांग की है। इधर, मांझी ने इशारों ही इशारों में राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्थ को बदहाल बताकर उसके सुधारने की नसीहत दी है तो कोरोना संक्रमण की घटती दर के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद भी दिया है।

मांझी के कई बयान राजग में रहते हुए भी बिहार में राजग की सबसे बड़ी पार्टी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को घेरते नजर आ रहे हैं।

मांझी ने हाल ही में अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर लिखा, '' अपने बेहतर और अद्वितीय कार्य से कोरोना में कमी लाने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को धन्यवाद। वैसे लॉकडाउन कोविड का समाधान नहीं, सही मायने में स्वास्थ्य संकट से निपटना है तो गांवों के उप स्वास्थ्य केन्द्रों तक को सुव्यवस्थित करना होगा ताकि भविष्य में स्वास्थ्य संकटो से निपटा जा सके।''

मांझी ने कोरोना वैक्सीनेशन के बाद मिलने वाले प्रमाणपत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। मांझी ने इसके अलावे केंद्र सरकार पर बिहार के हिस्से का पैसा नहीं मिलने का आरोप लगाया है।

मांझी ने कहा, '' कई योजनाओं में केन्द्र के हिस्से का पैसा बिहार को नहीं मिल रहा, जिससे सूबे का विकास प्रभावित हो रहा है। मैं धन्यवाद देता हूं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को कि बिना केन्द्रीय मदद के आपने आपदा की इस घड़ी में शिक्षकों का वेतन दिया साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों के लिए डाक्टरों की नियुक्ति कर रहे हैं।''

मांझी के इन बयानों को लेकर राज्य की सियासत में कई तरह के मायने निकाले जा रहे हैं। इस बीच मांझी और सहनी की मुलाकात भी सियासी सुगुबुहाटों को और हवा दी है।

मांझी और साहनी की मुलाकात को राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी राजद मौके के तौर पर देख रही है।

राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने दावा किया कि राजग सरकार में मांझी और साहनी की उपेक्षा की जा रही है। दोनों से किसी भी फैसले में सलाह नहीं ली जाती है, जबकि बिहार में इनके सहारे राजग सरकार चल रही है। उन्होंने दावा किया कि दोनों नेताओं की मुलाकात रंग लाएगी और इस बरसात में बिहार में राजग की नाव डूब जाएगी।

उल्लेखनीय है कि बिहार विधान परिषद लिए बीते दिनों हुए राज्यपाल कोटे से मनोनयन में मांझी व मुकेश सहनी की अपने दलों के लिए एक-एक सीट की मांग अस्वीकार कर दी गई थी। इसे लेकर उनकी नाराजगी भी जाहिर हुई थी।

बहरहाल, मांझी के बयानों को लेकर बिहार में सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। राजग में आने के पहले दोनों नेता विपक्षी दलों के महागठबंधन में रह चुके हैं अब मांझी के इन बयानों को लेकर वे किस मंजिल की ओर जाने चाह रहे हैं, यह तो आने वाला समय ही बताएगा।


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