ओवैसी से हाथ मिलाकर राजद की घेराबंदी में जुटे मांझी
बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नीत महागठबंधन के घटक हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा सीएए के बहाने एआईएमआईएम से हाथ मिला कर एमडी समीकरण बनाकर राजद की घेराबंदी की

पटना । बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नीत महागठबंधन के घटक हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के बहाने मजलिस-ए- इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) से हाथ मिला कर मुस्लिम और दलित (एमडी) समीकरण बनाकर राजद की घेराबंदी की कवायद में लग गए हैं।
सीएए और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) को लेकर बिहार की विपक्षी पार्टियां लगातार विरोध कर रहे महागठबंधन में सम्मान नहीं मिलता देख हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी अब ‘एमडी’ समीकरण तैयार करने में जुट गए हैं। मांझी ने नया दांव खेलकर राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के पुत्र एवं विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव को चुनौती देने की तैयारी कर ली है।
मांझी और एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी सीए और एनआरसी के मुद्दे को लेकर एक साथ 29 दिसंबर 2019 को एक मंच पर दिखाई देंगे। श्री मांझी और श्री ओवैसी किशनगंज में एक साथ कार्यक्रम करने जा रहे हैं।
हम के राष्ट्रीय प्रवक्ता दानिश रिजवान ने आज यहां बताया कि 29 दिसंबर को दोनों नेता सभा को संबोधित करेंगे। उन्हाेंने बताया कि श्री मांझी प्रदेश की राजनीति बदलने के लिए नया दांव खेला है।
मांझी मुस्लिम बाहुल्य किशनगंज में ओवैसी के साथ सभा कर एमडी समीकरण बनाने की फिराक में हैं, जो राजद के लिए परेशानी का कारण बन सकती है क्योंकि राजद अपने मजबूत मुस्लिम-यादव (एमवाई) समीकरण को लेकर जाना जाता रहा है। मांझी एआईएमआईएम से हाथ मिला कर महागठबंधन के नेताओं को यह संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं कि वे उन्हें हल्के में न लें।
उल्लेखनीय है कि बिहार में हाल ही में हुए विधानसभा के उपचुनाव में किशनगंज क्षेत्र से पहली बार एआईएमआईएम के कमरुल होदा विजयी हुए। उपचुनाव के परिणाम के समय ही श्री मांझी ने संकेत दे दिया था कि आने वाले समय में वह ओवैसी से हाथ मिला सकते हैं।


