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मनीष सिसोदिया गिरफ्तार: क्या है दिल्ली का शराब घोटाला

मनीष सिसोदिया को दिल्ली की रद्द कर दी गई आबकारी नीति में कथित अनियमितताओं की जांच के तहत गिरफ्तार किया गया है. सीबीआई ने कहा है कि सिसोदिया जांच में सहयोग नहीं दे रहे थे. आम आदमी पार्टी ने आरोपों को बेबुनियाद बताया है.

मनीष सिसोदिया गिरफ्तार: क्या है दिल्ली का शराब घोटाला
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सीबीआई ने रविवार 26 फरवरी की शाम दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को आठ घंटे की पूछताछ के बाद हिरासत में ले लिया था. एजेंसी आज उन्हें एक विशेष अदालत के सामने पेश करेगी और उनकी न्यायिक हिरासत हासिल करने की कोशिश करेगी.

जिस आबकारी नीति की जांच के तहत सीबीआई ने यह कार्रवाई की है उसे बतौर आबकारी मंत्री सिसोदिया के ही नेतृत्व में नवंबर 2021 में लाया गया था. लेकिन एक साल के अ अगस्त 2022 में नीति को रद्द भी कर दिया गया. इन नौ महीनों में इस नीति के कार्यान्वयन में एक बड़े घोटाले का आरोप लगाया गया.

क्या है नई आबकारी नीति

नई नीति के तहत आम आदमी पार्टी की सरकार ने दिल्ली सरकार को दिल्ली में शराब की बिक्री के व्यापार से पूरी तरह बाहर निकालने की योजना बनाई थी.

इसके उद्देश्यों में सरकार के लिए राजस्व बढ़ाना, शराब की काला बाजारी खत्म करना, बेचने के लाइसेंस लेने वालों के लिए नियमों को लचीला बनाना और उपभोक्ताओं के लिए शराब खरीदने को एक बढ़िया अनुभव बनाना था.

नई नीति के तहत शराब की दुकानें सुबह तीन बजे तक खुली रखने और शराब की होम डिलीवरी करवाने जैसे नए कदमों का भी प्रस्ताव था. शराब विक्रेताओं को उपभोक्ताओं के लिए शराब के दामों में छूट देने की इजाजत भी दी गई थी.

कुछ महीनों तक विक्रेताओं ने भारी छूट दी भी जिससे दुकानों के बाहर लंबी कतारें लग गईं. एक रिपोर्ट के मुताबिक नई नीति को लागू किए जाने के बाद दिल्ली सरकार के राजस्व में 27 प्रतिशत बढ़ोतरी भी हुई. सरकार ने करीब 8,900 करोड़ रुपए कमाए.

क्यों कर दी गई रद्द

जुलाई 2022 में दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना को नई आबकारी नीति पर एक रिपोर्ट पेश की जिसमें उन्होंने नीति में अनियमितताओं का दावा किया. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक रिपोर्ट में आरोप लगाए गए कि बतौर आबकारी मंत्री सिसोदिया ने विक्रेताओं को लाइसेंस देने के बदले कमीशन और रिश्वत ली.

रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि लाइसेंस के शुल्क में और शराब के दामों में अवैध रूप से छूट दी गई, जिससे सरकारी खजाने को करीब 144 करोड़ रुपयों का नुकसान हुआ. यह भी दावा किया गया कि कमीशन और रिश्वत से मिली रकम का इस्तेमाल आम आदमी पार्टी ने फरवरी 2022 में हुए पंजाब विधान सभा चुनावों में किया.

मुख्य सचिव ने दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा को भी अपने दावों की जानकारी दी और इस मामले में जांच करने के लिए कहा. इस रिपोर्ट के आधार पर उपराज्यपाल ने सीबीआई को पूरे मामले में जांच करने का अनुरोध किया.

किस मोड़ पर है सीबीआई की जांच

सीबीआई ने इस मामले में अगस्त 2022 में सिसोदिया समेत 15 लोगों के खिलाफ FIR कर ली. इनमें तत्कालीन एक्साइज कमिश्नर समेत तीन अफसर, दो कंपनियां और नौ कारोबारी शामिल थे. इसके बाद सीबीआई ने दिल्ली में सिसोदिया के आवास समेत सात राज्यों में 21 स्थानों पर छापे मारे.

एजेंसी ने सिसोदिया से अपने दफ्तर में पूछताछ भी की. 26 फरवरी को एक बार फिर आठ घंटे की पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.

अब एजेंसी उन्हें अदालत में पेश कर उनकी न्यायिक हिरासत की मांग कर सकती है. इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) अलग से जांच कर रहा है. (ईडी) ने जांच के तहत दिल्ली और दूसरे राज्यों से भी कई लोगों को गिरफ्तार किया हुआ है.


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