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मणिपुर हिंसा : कांग्रेस ने असम के सीएम, राम माधव के खिलाफ एनआईए जांच की मांग की

मणिपुर में हिंसा की स्थिति पर चिंता जताते हुए कांग्रेस ने गुरुवार को मांग की कि एनआईए को यूकेएलएफ के प्रमुख एसएस हाओकिप द्वारा किए गए इस खुलासे की जांच करनी चाहिए कि भाजपा ने मणिपुर और अन्य उत्तर-पूर्वी राज्यों में चुनाव जीतने में इस संगठन और कुछ अन्य उग्रवादी संगठनों की मदद ली थी

मणिपुर हिंसा : कांग्रेस ने असम के सीएम, राम माधव के खिलाफ एनआईए जांच की मांग की
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नई दिल्ली। मणिपुर में हिंसा की स्थिति पर चिंता जताते हुए कांग्रेस ने गुरुवार को मांग की कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को यूनाइटेड कुकी लिबरेशन फ्रंट (यूकेएलएफ) के प्रमुख एसएस हाओकिप द्वारा किए गए इस खुलासे की जांच करनी चाहिए कि भाजपा ने मणिपुर और अन्य उत्तर-पूर्वी राज्यों में चुनाव जीतने में इस संगठन और कुछ अन्य उग्रवादी संगठनों की मदद ली थी। यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेता अजय कुमार ने कहा, ''आज मणिपुर में कानून-व्यवस्था की स्थिति ऐसी है कि कल इंफाल में भाजपा की एक महिला मंत्री का घर जला दिया गया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मणिपुर में कानून और व्यवस्था को नियंत्रित करने में सक्षम नहीं हैं। मणिपुर में फिर नौ लोग मारे गए, लेकिन इस पर कोई चर्चा नहीं हुई।

सरकार पर निशाना साधते हुए कांग्रेस नेता ने कहा, "कोई मीडिया संगठन यह नहीं पूछ रहा है कि शाह 45 दिन बाद मणिपुर क्यों गए? कोई नहीं पूछ रहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अब तक मणिपुर का दौरा क्यों नहीं किया? मणिपुर जल रहा है, लेकिन मोदी जी 'रोजगार मेलों' में व्यस्त हैं और शाह विशाखापत्तनम में विपक्ष को गाली दे रहे हैं।"

हाओकिप द्वारा किए गए दावों का हवाला देते हुए कुमार ने कहा, "यूनाइटेड कुकी लिबरेशन फ्रंट के अध्यक्ष ने एक वीडियो जारी कर कहा कि मैंने शाह, (असम के मुख्यमंत्री) हिमंत बिस्वा सरमा और (भाजपा नेता) राम माधव को चुनाव जीतने में मदद की है। भाजपा ने भारत के हितों के खिलाफ काम करने वाले एक उग्रवादी समूह से चुनावों में मदद ली, लेकिन मीडिया इस संबंध में सवाल नहीं पूछ रहा है।"

उन्होंने कहा, "यूनाइटेड कुकी लिबरेशन फ्रंट के अध्यक्ष ने भी शाह को पत्र लिखकर पूछा है कि एनआईए ने उन्हें नोटिस क्यों दिया है, जबकि समूह ने चुनाव में भाजपा की मदद की थी। एक और बात ध्यान देने वाली है कि चुनाव जनवरी 2022 में हुआ और शाह को रिहा कर दिया गया। फरवरी में करदाताओं का 15.92 करोड़ रुपये आतंकवादी संगठन को दिया गया।"

उन्होंने कहा कि दो उग्रवादी मैतेई संगठनों को पुलिस ने हथियार और 5 लाख गोलियां सौंपी हैं। देश जल रहा है और सीमा पर खतरनाक स्थिति है। मणिपुर में भाजपा विधायक आईसीयू में जिंदगी के लिए संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन पार्टी का कोई नेता उनसे मिलने नहीं आ रहा है।

उन्होंने कहा कि मणिपुर के लोग सवाल पूछ रहे हैं कि पीएम मोदी क्यों गायब हैं और उन्होंने मणिपुर की स्थिति पर अभी तक एक शब्द भी नहीं बोला या ट्वीट भी क्यों नहीं किया।

कांग्रेस प्रवक्ता ने मांग की कि सरमा और माधव दोनों पर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया जाना चाहिए, क्योंकि उन्होंने चुनाव जीतने के लिए देश विरोधी ताकतों का सहारा लिया था।

उन्होंने देश के लोगों को राष्ट्रवाद और देशभक्ति का उपदेश देने वाली भाजपा और उसके नेताओं पर कटाक्ष करते हुए कहा, "क्या इनसे बुरा कोई देशद्रोही हो सकता है?"

उन्होंने कहा कि भारत जले तो भाजपा को कोई फर्क नहीं पड़ता। मणिपुर में लगभग 50,000 लोग विस्थापित हुए हैं, जबकि राज्य की कुल जनसंख्या 28 लाख है। लेकिन किसी को परवाह नहीं है।

राज्य में अब तक 100 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोग विस्थापित हुए हैं और 349 से अधिक राहत शिविरों में रहने को मजबूर हुए हैं।

बुधवार को ताजा हिंसा में हमलावरों ने मणिपुर के उद्योग मंत्री नेमचा किपगेन के इंफाल पश्चिम जिले के लाम्फेल इलाके में स्थित सरकारी आवास को आग के हवाले कर दिया।

राज्य की एकमात्र महिला मंत्री किपगेन उस समय घर पर नहीं थीं, जब हमलावरों ने उनके सरकारी बंगले में आग लगा दी।

इस बीच, मंगलवार देर रात पूर्वी इंफाल जिले के खमेलॉक गांव में संदिग्ध आतंकवादियों के हमले में कम से कम 11 लोग मारे गए और 23 घायल हो गए। अधिकारियों ने कहा कि मरने वालों की संख्या बढ़ने की संभावना है, क्योंकि कई घायलों की हालत गंभीर बताई जा रही है।


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