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मणिपुर जातीय हिंसा : दिल्ली की अदालत ने आरोपियों की हिरासत 8 दिन बढ़ाई

दिल्ली की एक अदालत ने मणिपुर में मौजूदा जातीय अशांति का फायदा उठाकर भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने के लिए म्यांमार और बांग्लादेश स्थित आतंकवादी संगठनों द्वारा अंतर्राष्ट्रीय साजिश रचने के मामले में गिरफ्तार आरोपियों की एनआईए हिरासत मंगलवार को आठ दिनों के लिए बढ़ा दी

मणिपुर जातीय हिंसा : दिल्ली की अदालत ने आरोपियों की हिरासत 8 दिन बढ़ाई
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नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने मणिपुर में मौजूदा जातीय अशांति का फायदा उठाकर भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने के लिए म्यांमार और बांग्लादेश स्थित आतंकवादी संगठनों द्वारा अंतर्राष्ट्रीय साजिश रचने के मामले में गिरफ्तार आरोपियों की एनआईए हिरासत मंगलवार को आठ दिनों के लिए बढ़ा दी।

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए), जिसने 19 जुलाई को यहां आतंकवाद विरोधी कानून गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत स्वत: संज्ञान लेते हुए मामला दर्ज किया था, ने दो दिन की हिरासत पूरी होने के बाद सेमिनलुन गंगटे को पटियाला हाउस कोर्ट के विशेष एनआईए न्यायाधीश सचिन गुप्ता के समक्ष पेश किया।

पिछले हफ्ते एजेंसी ने 51 वर्षीय गंगटे को मणिपुर के पहाड़ी जिले चुराचांदपुर से गिरफ्तार किया और ट्रांजिट रिमांड पर दिल्ली ले गई।

जांच एजेंसी ने गंगटे से पूछताछ के लिए उसकी हिरासत मांगी थी। अनुरोध को स्वीकार करते हुए अदालत ने गंगटे के वकील को एफआईआर की एक प्रति प्रदान करने का भी निर्देश दिया।

इससे पहले एक बयान में एनआईए के प्रवक्ता ने कहा था कि उसकी जांच से पता चला है कि म्यांमार और बांग्लादेश स्थित आतंकवादी समूहों ने भारत में आतंकवादी नेताओं के एक वर्ग के साथ साजिश रची है।

प्रवक्ता ने कहा, "उनका उद्देश्य विभिन्न जातीय समूहों के बीच दरार पैदा करने और भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने के इरादे से हिंसा की घटनाओं में शामिल होना है।"

उन्‍होंने कहा, "मणिपुर में मौजूदा जातीय संघर्ष के बीच आतंकवादी संगठन गोला-बारूद और अन्य प्रकार के आतंकवादी हार्डवेयर की खरीद के लिए धन मुहैया करा रहा है, जो सीमा पार से और पूर्वोत्तर राज्यों में सक्रिय अन्य आतंकवादी संगठनों तक पहुंच रहा है।“


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