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मणिपुर: भाजपा विधायक ने केंद्र से कुकी उग्रवादियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की

मणिपुर के प्रमुख भाजपा विधायक राजकुमार इमो सिंह ने शुक्रवार को केंद्र सरकार से कुकी उग्रवादियों के साथ बातचीत का रास्‍ता नहीं अपनाने का आग्रह किया

मणिपुर: भाजपा विधायक ने केंद्र से कुकी उग्रवादियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की
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इम्‍फाल। मणिपुर के प्रमुख भाजपा विधायक राजकुमार इमो सिंह ने शुक्रवार को केंद्र सरकार से कुकी उग्रवादियों के साथ बातचीत का रास्‍ता नहीं अपनाने का आग्रह किया। उन्‍होंने उन पर सस्पेंशन ऑफ ऑपरेशंस (एसओओ) के उल्लंघन और राज्य में जातीय हिंसा में शामिल होने का आरोप लगाया।

मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के दामाद राजकुमार इमो सिंह ने एक वीडियो संदेश में जमीनी नियमों के उल्लंघन और तीन महीने से ज्‍यादा समय से जारी जातीय हिंसा में उनकी संलिप्तता के लिए कुकी उग्रवादियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की भी मांग की।

इससे पहले गुरुवार को कोऑर्डिनेटिंग कमेटी ऑन मणिपुर इंटीग्रिटी सीओसीओएमआई ने कुकी उग्रवादी संगठनों के साथ बातचीत की केंद्र सरकार की योजना पर कड़ी आपत्ति जताते हुए उनसे बातचीत न करने का आग्रह किया था।

सीओसीओएमआई ने कहा कि केंद्र सरकार ने अप्रवासी चिन कुकी नार्को आतंकवादियों के प्रमुख संगठनों - यूनाइटेड पीपुल्स फ्रंट (यूपीएफ) और कुकी नेशनल ऑर्गनाइजेशन (केएनओ) के साथ बातचीत करने की योजना बनाई है।

यूपीएफ और केएनओ, जो 23 भूमिगत संगठनों का समूह है, ने 22 अगस्त 2008 को सरकार के साथ एक एसओओ पर हस्ताक्षर किए थे।

जब एसओओ पर हस्ताक्षर किए गए तब मणिपुर में कांग्रेस सत्ता में थी।

इमो सिंह ने कूकी उग्रवादियों के साथ केंद्र की बातचीत के बारे में राज्य सरकार या मुख्यमंत्री की जानकारी पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।

विधायक ने कहा, “यदि बातचीत का कोई निष्कर्ष निकलता है तो एक प्रमुख हितधारक होने के नाते राज्य सरकार से निश्चित रूप से परामर्श किया जाएगा, और जब परामर्श किया जाएगा, तो राज्य सरकार उन नियमों और शर्तों को स्वीकार नहीं करेगी जो राज्य के लिए हानिकारक होंगे।

''वार्ता के संबंध में कोई भी शर्त सभी पक्षों को पारस्परिक रूप से स्वीकार्य होनी चाहिए, जिसके लिए सभी हितधारकों से उचित परामर्श किया जाना चाहिए और सूक्ष्मता से चर्चा की जानी चाहिए।”

सूत्रों ने बताया कि केंद्र और कुकी उग्रवादी समूहों के बीच पहले दौर की बातचीत 26 जुलाई को नई दिल्ली में हुई थी, जब संगठनों ने मणिपुर में आदिवासियों के लिए एक अलग प्रशासन की मांग उठाई थी।


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