Top
Begin typing your search above and press return to search.

हमें छोड़कर सभी दलों के घोषणापत्र खोखले : स्वराज इंडिया

पहली बार हरियाणा विधानसभा चुनावों के मैदान में उतरी स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने आज दावा किया कि उनकी पार्टी को छोड़कर सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के चुनावी घोषणापत्र ‘खोखले‘ हैं।

हमें छोड़कर सभी दलों के घोषणापत्र खोखले : स्वराज इंडिया
X

चंडीगढ़ । पहली बार हरियाणा विधानसभा चुनावों के मैदान में उतरी स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने आज दावा किया कि उनकी पार्टी को छोड़कर सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के चुनावी घोषणापत्र ‘खोखले‘ हैं।

उन्होंने यहां जारी बयान में कहा कि इन्हें पढ़ कर जनता अंदाज नहीं लगा सकती कि युवा को रोजगार कहां से आएगा, किसान की आमदनी कैसे बढ़ेगी, महिला सुरक्षित कैसे होगी, बच्चों को गुणात्मक शिक्षा कैसे दी जाएगी और बुजर्गों को जरूरी इलाज का उचित प्रबन्ध कैसे होगा? उन्होंने कहा कि पर्यावरण तो इन दलों के लिए कोई मुद्दा है ही नहीं।

श्री यादव ने कहा कि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वायदों को पूरा करने में 32 हजार करोड़ रुपये सालाना, कांग्रेस के वायदों को पूरा करने में 25 हजार करोड़ रुपए सालाना व 62 हजार करोड़ रुपये एकमुश्त तथा जननायक जनता पार्टी (जजपा) के घोषणा पत्र में किये गए वादों को पूरा करने के लिए 45 हजार करोड़ रुपये सालाना व 15 हजार करोड़ रुपये एकमुश्त अतिरिक्त खर्च होंगे। श्री यादव ने कहा क मगर तीनों ही दलों ने अपने घोषणा पत्र में न तो अतिरिक्त खर्च का जिक्र किया है न ही राजस्व में अतिरिक्त आमदनी का कोई रास्ता सुझाया है। इससे साफ है कि ये दल अपने घोषणा पत्र के प्रति न ईमानदार हैं न ही प्रतिबद्ध।

उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा अपने पांच साल के हिसाब देने से बचना चाहती है, इसलिए उसने न सिर्फ घोषणा पत्र में कोई ठोस वायदा नहीं किया बल्कि वह जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने जैसे मुद्दे पर चुनाव को केंद्रित करना चाह रही है। वहीं कांग्रेस और जे जे पी भी अपने निक्कमेपन की वजह से चुनाव को जनता की मुद्दों रोजगार व किसानी-खेती पर केंद्रित नहीं करना चाहती।

पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष राजीव गोदारा ने दावा किया कि उनकी पार्टी के ‘ईमानपत्र‘ में सम्पूर्ण रोजगार की कार्ययोजना प्रस्तुत की गई है। जिसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यवरण, किसानी-खेती में सुधार के माध्यम से हर हाथ को काम देने योजना है और साथ ही 20 लाख युवाओं को रोजगार देने के लिए होने वाले 20 हजार करोड़ के अतिरिक्त खर्च की भरपाई के लिए राजस्व में आमदनी का रास्ता भी सुझाया गया है।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it