मंडलायुक्त ने जीडीए की कार्य प्रणाली पर खड़ा किए सवाल
मसूरी स्थित 50-100 साल पुराने निर्माण को मास्टर प्लान में ग्रीन बेल्ट दर्शाने का मामला प्रकाश में आया है
गाजियाबाद। मसूरी स्थित 50-100 साल पुराने निर्माण को मास्टर प्लान में ग्रीन बेल्ट दर्शाने का मामला प्रकाश में आया है।
शिकायत मिलने पर मंडलायुक्त व जीडीए बोर्ड के अध्यक्ष डा. प्रभात कुमार ने प्राधिकरण की कार्यशैली पर सवाल खड़ा करते हुए कमेटी बनाई और मामले की जांच के आदेश दिए। बुधवार को कमेटी की मीटिंग हुई, जिसमे मौके का निरीक्षण करने की बात तय हुई।
जीडीए के चीफ टाउन प्लानर इश्तेयाक अहमद के नेतृत्व में कमेटी तीन जुलाई को मौके का निरीक्षण कर रिपोर्ट मंडलायुक्त को सौंपेगी।
मसूरी उद्योग व्यापार मंडल के पदाधिकारियों का कहना है कि सभी निर्माण 50-100 साल पुराने है जबकि मास्टर प्लान बाद में तैयार हुआ है।
व्यापारियों ने तत्कालीन अफसरों पर बिना मौके का निरीक्षण किए मास्टर प्लान तैयार करने का आरोप लगाया है।
मालूम हो, कि मास्टर प्लान के मुताबिक ग्रीन बेल्ट की जमीन को कब्जा मुक्त कराने की कार्रवाई के मद्देनजर कुछ दिन पूर्व जीडीए टीम दुकानें ध्वस्त करने पहुंची थी।
लोगों ने विरोध पर उस वक्त कार्रवाई रोक दी गई थी। इसके बाद मामले में व्यापारियों ने मंडलायुक्त से शिकायत की थी।


