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ममता ने प्रधानमंत्री से कोवैक्सीन को डब्ल्यूएचओ से प्रमाणित कराने का आग्रह किया

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) से कोवैक्सीन को जल्द मंजूरी दिलाने के लिए उनके हस्तक्षेप की अपील की

ममता ने प्रधानमंत्री से कोवैक्सीन को डब्ल्यूएचओ से प्रमाणित कराने का आग्रह किया
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कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) से कोवैक्सीन को जल्द मंजूरी दिलाने के लिए उनके हस्तक्षेप की अपील की। दरअसल एक दिन पहले ही पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आरोप लगाया था कि लोग विश्व स्वास्थ्य संगठन से उचित अनुमति के बिना कोवैक्सीन पेश करने के केंद्र सरकार के फैसले से पीड़ित हैं। अब तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ने गुरुवार को प्रधानमंत्री को इस संबंध में पीएम मोदी को पत्र लिखा है।

ममता ने पीएम मोदी से विदेश जाने की कोशिश करने वालों की समस्याओं को कम करने के लिए डब्ल्यूएचओ द्वारा स्वदेशी कोविड वैक्सीन को मंजूरी दिलाने का आग्रह किया।

मुख्यमंत्री ने लिखा, यह पता चला है कि कोवैक्सीन को अभी भी डब्ल्यूएचओ द्वारा अनुमोदित नहीं किया गया है, जो विदेश जाने की कोशिश करने वालों के लिए समस्याएं पैदा कर रहे हैं।

पीएम मोदी को लिखे गए पत्र में ममता बनर्जी ने कहा है कि उन्हें मालूम हुआ है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अब तक स्वदेशी वैक्सीन कोवैक्सीन को मान्यता नहीं दी है, इसलिए कोवैक्सीन लेने वाले लोगों को कई देश अपने यहां आने से रोक रहे हैं, क्योंकि इनका कहना है कि डब्ल्यूएचओ से मान्यता प्राप्त वैक्सीन लेने वालों को ही अपने देश में प्रवेश देंगे।

ममता बनर्जी ने आगे कहा है उच्च शिक्षा के लिए बहुत से विद्यार्थियों को विदेश जाना होता है। अपने देश में कोवैक्सीन और कोविशील्ड दोनों वैक्सीन लोगों को दी जा रही हैं। मगर कोवैक्सीन को चूंकि डब्ल्यूएचओ से मान्यता नहीं मिली है, इसलिए इस वैक्सीन को लेने वालों को विदेश यात्रा के दौरान परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। तृणमूल सुप्रीमो ने कहा है कि कई देशों में कोवैक्सीन के सर्टिफिकेट को मान्यता नहीं दी जा रही है, जिससे विद्यार्थी परेशान हैं और उनका करियर दांव पर है।

उन्होंने कहा, मैं आपकी ओर से हस्तक्षेप का अनुरोध करती हूं, ताकि डब्ल्यूएचओ से कोवैक्सीन के लिए जल्द से जल्द मंजूरी मिल जाए, ताकि छात्रों को कोई समस्या न हो। इससे नौकरी, शिक्षा, व्यवसाय और अन्य उद्देश्यों के लिए विदेश यात्रा करने वाले लोगों को भी फायदा होगा।

बुधवार को बनर्जी ने आरोप लगाया था कि दूसरी लहर के दौरान कोविड के अनियंत्रित प्रसार के लिए केंद्र की भाजपा सरकार जिम्मेदार है।

बनर्जी ने कहा था कि केंद्र को तुरंत कोवैक्सीन को डब्ल्यूएचओ से प्रमाणित कराना चाहिए या फिर इस वैक्सीन को प्राप्त करने वालों के लिए कोई उपाय करना चाहिए, क्योंकि उन्हें विदेश यात्रा को लेकर समस्या हो रही है।

बनर्जी ने इस मुद्दे पर कहा,केंद्र अपनी जिम्मेदारी से पीछे नहीं हट सकता। या तो केंद्र को तुरंत कोवैक्सीन को डब्ल्यूएचओ से प्रमाणित करवाना चाहिए या फिर इस समस्या का कोई उपाय सुझाना चाहिए। यह काम भारत सरकार को ही करना है। यहां तक ????कि बांग्लादेश और ब्राजील भी समस्याओं का सामना कर रहे हैं। समस्या को तुरंत हल करने की जरूरत है।


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