Top
Begin typing your search above and press return to search.

ममता ने कविता के जरिये जेएनयू घटना का किया विरोध

ममता बनर्जी ने नयी दिल्ली में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के छात्रों एवं शिक्षकों के साथ मारपीट की घटना को लेकर कविता के जरिये लोगों से ‘गोरजे ओठो (गरज उठो) का आह्वान किया है।

ममता ने कविता के जरिये जेएनयू घटना का किया विरोध
X

कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने नयी दिल्ली में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के छात्रों एवं शिक्षकों के साथ मारपीट की घटना को लेकर कविता के जरिये लोगों से ‘गोरजे ओठो (गरज उठो) का आह्वान किया है।

तृणमूल नेता ने मंगलवार को अपने फेसबुक पेज पर ‘गरज उठो’ कविता के जरिये जेएनयू घटना पर विरोध जताया। इससे पहले भी सुश्री बनर्जी ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए), राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) का विरोध कविताओं के जरिये कर चुकी हैं। वह पिछले कुछ सप्ताह से सीएए एवं एनआरसी के विरोध में कई रैलियों का नेतृत्व कर चुकी हैं या उनमें भाग ले चुकी हैं। इससे पहले उन्होंने ‘अधिकार’ और ‘नागरिक’ नाम से भी दो कविताओं की रचना की थी।

सीएए और एनआरसी के विरोध को लेकर जारी अपने अभियान के दौरान सुश्री बनर्जी ने कहा, “आम लोग कभी भी केंद्र के निर्णयों को स्वीकार नहीं करेंगे तथा सीएए और एनआरसी को लागू करने के किसी भी प्रयास का मुंहतोड़ जवाब देंगे। सभी लोग एकजुट रहेंगे।”

उन्होंने कहा,“बंगाल में सभी धर्मों के लोग सौहार्द के साथ रहते हैं। हम उन्हें ऐसा करने की अनुमति नहीं देंगे। हम सीएए एवं एनआरसी को वापस लेने तक आंदोलन जारी रखेंगे।”

तृणमूल सुप्रीमो ने कहा,“हम सभी नागरिक हैं। हम सभी सद्भाव और शांति से रहते हैं। यह शर्मनाक है कि एनपीआर, एनआरसी और सीएए के नाम पर हमें आजादी के 73 साल बाद फिर से अपनी नागरिकता साबित करने के लिए कहा जाता है।”


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it