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ममता ने अनीस खान हत्याकांड की निष्पक्ष जांच का वादा किया

पश्चिम बंगाल में अनीस खान की हत्या के सिलसिले में दो सुरक्षाकर्मियों को गिरफ्तार किए जाने के दिन बुधवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मामले की निष्पक्ष जांच का वादा किया

ममता ने अनीस खान हत्याकांड की निष्पक्ष जांच का वादा किया
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कोलकाता। पश्चिम बंगाल में अनीस खान की हत्या के सिलसिले में दो सुरक्षाकर्मियों को गिरफ्तार किए जाने के दिन बुधवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मामले की निष्पक्ष जांच का वादा किया। उन्होंने कहा कि 18 फरवरी को छात्र नेता की हत्या में शामिल सभी लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने यह भी चेतावनी दी कि सरकार राज्य में किसी भी तरह का कुप्रबंधन या कुशासन नहीं होने देगी।

राज्य सचिवालय नबन्ना में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए ममता ने कहा, "मैं राज्य में किसी भी तरह के कुप्रबंधन या कुशासन को बर्दाश्त नहीं करूंगी। हमने यह पता लगाने के लिए जांच शुरू कर दी है कि अमता में हुई हत्या के लिए कौन जिम्मेदार हैं। दो सुरक्षाकर्मियों ने गिरफ्तार कर लिया गया है। उन्हें हिरासत में ले लिया गया है। हम मामले की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने के लिए सब कुछ कर रहे हैं।"

मुख्यमंत्री हावड़ा जिले के अमता थाने से जुड़े दो सुरक्षाकर्मियों - होमगार्ड काशीनाथ बेरा और नागरिक स्वयंसेवक प्रीतम भट्टाचार्य का जिक्र कर रही थीं, जिन्हें पुलिस ने अनीस खान हत्याकांड के सिलसिले में बुधवार सुबह गिरफ्तार किया था। इस बात के पुख्ता संकेत हैं कि 18 फरवरी को छात्र नेता की हत्या में पुलिस शामिल थी।

पुलिस महानिदेशक मनोज मालवीय ने मीडिया से कहा, "हमने होमगार्ड काशीनाथ बेरा और नागरिक स्वयंसेवक प्रीतम भट्टाचार्य को गिरफ्तार कर लिया है। हमें उम्मीद है कि हिरासत में पूछताछ के दौरान कुछ जानकारी सामने आएगी, जिससे हमें मामले की तह तक पहुंचने में मदद मिलेगी।"

उन्होंने कहा, "हम आश्वासन देते हैं कि मामले से संबंधित तथ्य मुख्यमंत्री द्वारा किए गए वादे के अनुसार 15 दिनों के भीतर सामने आएंगे।"

मामले की सीबीआई जांच की मांग पर ममता ने कहा, "सीबीआई कितने मामलों को सुलझाने में सक्षम है? तापसी मलिक हत्याकांड का क्या हुआ? नोबेल पुरस्कार की चोरी का क्या हुआ? हाथरस मामले में अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है।"

डीजीपी ने कहा कि विशेष जांच दल को पीड़िता के परिवार के सदस्यों और कुछ राजनीतिक समूहों के अवरोधों का सामना करना पड़ रहा है, जिससे जांच में दिक्कत हो रही है।

डीजीपी ने कहा, "हमने पीड़ित का मोबाइल फोन मांगा था, जो परिवार के पास पड़ा है, लेकिन उन्होंने उसे सौंपने से इनकार कर दिया। इतना ही नहीं, हम शव को बाहर निकालना चाहते थे और न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने दूसरा पोस्टमार्टम करना चाहते थे, लेकिन परिवार ने इसकी भी अनुमति नहीं दी।"

इससे पहले, मंगलवार को राज्य सरकार ने ड्यूटी में लापरवाही बरतने के आरोप में दो पुलिसकर्मियों और एक होमगार्ड को निलंबित कर दिया था। निलंबित सुरक्षाकर्मी हैं- एएसआई निर्मल दास, कांस्टेबल जितेंद्र हेम्ब्रम और होमगार्ड कृष्णनाथ बेरा। बेरा को बुधवार को गिरफ्तार किया गया था।


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