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गांधी के बहाने ममता का फिर से मोदी पर हमला

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर बुधवार को एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोलते हुए कहा कि देश की भलाई की सलाह वही व्यक्ति दे सकता है

गांधी के बहाने ममता का फिर से मोदी पर हमला
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कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर बुधवार को एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोलते हुए कहा कि देश की भलाई की सलाह वही व्यक्ति दे सकता है जिसमें ‘राष्ट्रपिता’ बनने की क्षमता हो।

सुश्री बनर्जी ने यहां गांधी जयंती पर आयोजित एक विशेष समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर परोक्ष रूप से हमला बोलते हुए कहा, “हमें देश में किसी और की सलाह की जरूरत नहीं है कि देश की भलाई के लिए हम क्या करें। ऐसी सलाह वही व्यक्ति दे सकता है जिसमें ‘राष्ट्रपिता’ बनने की क्षमता हो।”

उन्हाेंने कहा, “नेताजी और गांधी जैसे लोग राष्ट्र के सच्चे नेता हैं क्योंकि उन्होंने धर्म और जाति से अलग होकर लोगों का नेतृत्व किया।” उन्होंने कहा लोगों को उकसा कर लड़ाना और विभाजित करना, खून खराबा करना देश के किसी भी नेता का उद्देश्य नहीं हो सकता है।

तृणमूल नेता ने कहा “गांधीजी अपने अहिंसक और मानवतावादी दृष्टिकोण के लिए दुनिया भर में जाने जाते है और लोगों के लिए उतने ही सम्मानित हैं।” वह देश के महान नेता थे। उनके सिद्धांतों और दूरदर्शिता ने हमें अपने लोकतंत्र को मजबूत करने और सभी को साथ लेकर चलते हुए देश को विकसित करने के नए तरीके से सोचने के लिए सीख दी है।

सुश्री बनर्जी ने आज के दिन को विशेष बताते हुए सभी लोगों को गांधीजी के आदर्शों पर चलने का आह्वान किया। उन्होंने कहा इस दिन को सभी को पूरे देश और राज्याें में उत्साह, भव्यता और सम्मान के साथ मनाया जाना चाहिये।

सुश्री बनर्जी ने सबसे पहले मायो रोड पर स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यापर्ण किया। इसके बाद उन्होंने बेगहाटा में पुनर्निर्मित गांधी भवन में जनता के लिए एक संग्रहालय का शुभारंभ किया।

पूरे राज्य में नवरात्र के चुतर्थी के पवित्र दिन को राष्ट्रपिता की 150वीं जयंती के साथ मनाया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा, “हम अपने देश के महान नेताओं और उनके विचारों एवं कार्यों से प्रेरित हैं। हम उन्हें जिंदगी के हर लम्हे में याद करते हैं। उन्होंने चाहे अलग-अलग भाषाएं बोली हों लेकिन उनका दृष्टकोण हमेशा एक था।”

उन्होंने कहा, “हम आज पूरे बंगाल में गांधी जयंती मना रहे हैं... जिस दिन देश को आजादी मिली गांधीजी ने दिल्ली के बजाये बेलेघाटा के गांधी भवन को ऐतिहासिक अवसर के लिए चुना। उन्होंने देश में हर धर्म, जाति और सम्प्रदाय के लोगों से दंगा रोकने और शांति के मार्ग पर चलने की अपील की थी।”

उन्होंने राष्ट्रपिता की 150वीं जयंती पर राज्य सरकार की योजनाओं के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा हम पूरब मेदिनीपुर जिले में महात्मा गांधी के नाम पर एक विश्वविद्यालय स्थापित कर रहे हैं और राज्य सरकार ने छात्रों के बीच गांधीजी के आदर्शों को फैलाने के लिए एक पुस्तक “जातिर जनक” (राष्ट्रपिता) प्रकाशित की है। उनके आदर्शों को राज्य के पिछड़े वर्गों के लिए विभिन्न योजनाओं के माध्यम से लोगों तक पहुंचाया जायेगा।


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