पीड़ित परिवार के बजाय अपराधियों के साथ खड़ी हैं ममता बनर्जी, सीएम पद से दें इस्तीफा : गौरव भाटिया
भाजपा ने पश्चिम बंगाल के कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के मामले में सीधे राज्य की मुख्यमंत्री पर सवाल उठाते हुए पूछा है कि आखिर ममता बनर्जी किन लोगों को बचाने का प्रयास कर रही है

नई दिल्ली। भाजपा ने पश्चिम बंगाल के कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के मामले में सीधे राज्य की मुख्यमंत्री पर सवाल उठाते हुए पूछा है कि आखिर ममता बनर्जी किन लोगों को बचाने का प्रयास कर रही है। भाजपा ने ममता बनर्जी से तुरंत मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने की भी मांग की है।
भाजपा राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने पार्टी मुख्यालय में पत्रकारों से बात करते हुए आरोप लगाया कि इस जघन्य अपराध के पूरे मामले को रफा दफा करने की साजिश ममता बनर्जी ने ही रची और वह अपराधियों को बचाने का काम कर रही है।
उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी अगर अभी भी मुख्यमंत्री बनी रहती हैं तो पश्चिम बंगाल की कोई भी महिला अपने आप को सुरक्षित महसूस नहीं कर पाएगी, इसलिए उन्हें तुरंत मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। पूरा देश इसको लेकर आक्रोशित है और ममता बनर्जी को राज्य के हालात की जिम्मेदारी लेनी चाहिए।
कोलकाता हाई कोर्ट द्वारा इस मामले की सीबीआई जांच करवाने के दिए गए आदेश का स्वागत करते हुए भाटिया ने कहा, कोलकाता में डॉक्टर पोस्ट ग्रेजुएट ट्रेनी के साथ रेप होता है और निर्मम हत्या कर दी जाती है। हाई कोर्ट ने इस मामले में आदेश पारित कर सीबीआई को जांच सौंप दी है। सीबीआई जांच का आदेश देते हुए हाई कोर्ट ने जो टिप्पणी की है, वह बहुत ही चिंताजनक है और इससे स्पष्ट है कि पश्चिम बंगाल में कानून व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है।
भाजपा राष्ट्रीय प्रवक्ता ने ममता बनर्जी को 'निर' ममता बनर्जी की संज्ञा देते हुए कहा कि इस पूरे मामले में वह पीड़िता के परिवार के साथ खड़े होने की बजाय किसी को बचाने का प्रयास कर रही है, ये कौन लोग हैं जिन्हें वह बचा रही है, जनता को यह जानने का हक है और ममता बनर्जी को इसका जवाब देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि पहले महिला डॉक्टर के पैरेंट्स को तबियत खराब होने की सूचना दी गई, फिर वहां पहुंचने पर आत्महत्या के बारे में बताया गया। 3 घंटे तक परिवार को डेड बॉडी नहीं दी गई, तुरंत एफआईआर दर्ज नहीं की गई और जानबूझकर सीबीआई को जांच देने में आनाकानी की गई ताकि सबूतों को मिटाया जा सके जबकि पहले 48 घंटे जांच के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण माने जाते हैं। ममता बनर्जी की न्याय देने की क्षमता पर सवाल उठ रहे हैं। जिस प्रिंसिपल के खिलाफ कार्रवाई कर उन्हें बर्खास्त कर देना चाहिए था, उसे कुछ ही घंटे के अंदर महत्वपूर्ण पोस्टिंग दे दी जाती है। उनके राज में अपराधी अभी बाहर घूम रहे हैं और अब मरम्मत के नाम पर क्राइम सीन वाली जगह पर भी तोड़-फोड़ की जा रही है। ममता बनर्जी अपने प्रशासन को मोहरा बना कर पांच दिनों में सबूतों को नष्ट करने का प्रयास करती रही और आज भी कर रही है। कानून व्यवस्था राज्य का विषय है और अगर सरकारी अस्पताल में महिला डॉक्टर सुरक्षित नहीं है तो इसका मतलब साफ है कि संविधान की शपथ लेकर मुख्यमंत्री बनने वाली ममता बनर्जी असफल हो गई हैं और इसलिए उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए।
इसके साथ ही उन्होंने यह भी जोड़ा कि इस आपराधिक वारदात में न्याय दिलाने और देश भर के डॉक्टरों को सुरक्षित माहौल देने के लिए जो भी आवश्यक होगा, वो सारे कदम केंद्र सरकार की तरफ से उठाए जाएंगे। उन्होंने अपराधियों को फांसी की सजा देने की वकालत करते हुए राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा की चुप्पी पर भी सवाल उठाया।
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा, मल्लिकार्जुन खरगे और अखिलेश यादव सहित इंडी गठबंधन के सारे नेता वोटों के लिए राजनीतिक गिद्ध बन गए हैं। ये सारे लोग बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों पर भी चुप हैं। इनकी नजरें सिर्फ मुस्लिम वोट बैंक पर है। आलोचना होने पर देरी से कांग्रेस बयान जारी करती है लेकिन उसमें भी बैलेंस बनाने के लिए जिस तरह से हिंदुओं पर भी सवाल उठाया गया है, वह भर्त्सना के योग्य है।


