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जद-एस के साथ फिर से गठबंधन की उम्मीद : खड़गे

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री मल्लिकार्जुन खड़गे ने आज कहा कि पार्टी को जनता दल (एस) के साथ गठबंधन करने से कोई गुरेज नहीं

जद-एस के साथ फिर से गठबंधन की उम्मीद : खड़गे
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बेंगलुरु । कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री मल्लिकार्जुन खड़गे ने आज कहा कि पार्टी को जनता दल (एस) के साथ गठबंधन करने से कोई गुरेज नहीं है, लेकिन नौ दिसंबर को विधानसभा उपचुनाव के नतीजों के बाद ही एक स्पष्ट तस्वीर सामने आएगी।

खड़गे ने यहां संवाददाताओं से कहा कि परिणाम आने के बाद दृश्य स्पष्ट हो जाएगा। उन्होंने कहा,“केंद्र में भारतीय जनता पार्टी सत्ता का दुरुपयोग करके लोकतंत्र, संविधान और स्वायत्त निकायों को कमजोर कर रही है। हमारा इरादा संविधान, लोकतंत्र,धर्मनिरपेक्ष सिद्धांतों और सामाजिक न्याय की रक्षा करना है।”

खड़गे ने कहा कि नतीजों के बाद जद (एस) के साथ गठबंधन का फैसला राज्य स्तर पर पार्टी के नेता और पार्टी आलाकमान करेंगे। उन्होंने कहा कि उपचुनाव में भाजपा को हार का सामना करना होगा। उन्होंने कहा,“मैं भविष्यवाणी नहीं कर सकता। लेकिन अभी पार्टी की प्राथमिकता सभी 15 सीटें जीतने की है।”

गौरतलब है कि जद(एस) नेता एच डी कुमारस्वामी की अगुवाई वाली गठबंधन सरकार गठबंधन में शामिल दोनों दलों कांग्रेस-जद(एस) के 17 विधायकों के इस्तीफा देने के बाद गिर गई। इसके बाद सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते भाजपा ने श्री बी एस येदियुरप्पा के नेतृत्व में सरकार का गठन किया था।

दो बागी विधायकों का मामला न्यायालय में लंबित है जबकि भाजपा ने अयोग्य ठहराये गये 15 में से 13 बागी नेताओं को पार्टी का उम्मीदवार बनाया। मई 2019 में भाजपा से हाथ मिलाने वाले इन नेताओं को टिकट देकर पार्टी ने पुरस्कृत किया है।

इस बीच, खड़गे ने संख्या की कमी (विधायकों के वोट) के कारण कर्नाटक से राज्यसभा सीट के लिए उपचुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है। भाजपा ने केसी राममूर्ति को मैदान में उतारा जो अक्टूबर में कांग्रेस को छोड़कर पार्टी में शामिल हुए थे।

महाराष्ट्र में महाराष्ट्र विकास अगाड़ी (एमवीए) सरकार के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले खड़गे ने कांग्रेस के सभी दलबदलुओं के चुनाव हारने की उम्मीद व्यक्त की। उन्होंने कहा,“कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी से अलग होकर चुनाव लड़ने वाले लगभग 70 प्रतिशत उम्मीदवार महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में हार गए और कर्नाटक भी यही पैटर्न दोहराएगा।”

इस उपचुनाव में अगर भाजपा छह सीटों पर जीत हासिल करने में विफल रहती है तो कांग्रेस जद(एस) के साथ फिर से तालमेल कर सकती है। राज्य के कांग्रेस नेताओं और जी परमेस्वर तथा रामलग्ना रेड्डी जैसे पूर्व मंत्रियों ने भी उप-चुनाव परिणामों के बाद जद (एस) के साथ संभावित गठबंधन बनाये जाने के संकेत दिये हैं।


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